चाइल्ड केयर : क्या है फूड पॉइजनिंग

शादी या किसी समारोह में या फिर बाहर ठेलों पर ब‍िकने वाली कोई चीज खाने पर बच्चों में उल्टी, बुखार, कंपकंपी या लूज मोशन जैसा कोई लक्षण नजर आए, तो इसे फूड पॉइजनिंग कहते हैं। फर्क इतना है कि अपनी-अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार किसी में लक्षण अधिक तो किसी में कम नजर आते हैं।

क्या सावधानी बरतें



क्या सावधानी बरतें :

अगर किसी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ का ढक्कन उभरा हुआ है, तो उसे ना खाएं। ढक्कन के उभरे होने का मतलब है कि उसमें गैस भर गई है और वह खराब हो गया है।

* फूले हुए टेट्रा पैक का जूस न पिएं। इसके फूलने से पता चलता है कि इसमें गैस भर गई है, भले ही इसकी एक्सपायरी डेट बाद की हो, पर इसे इस्तेमाल में न लाएं।

* शादी-ब्याह में जा रहे हैं, तो वहां सलाद जैसी चीजें खाने से परहेज करें। सलाद में इस्तेमाल में लाई जा रही सब्जियों का सही तरीके से साफ होना और फिर काटने वाले व्यक्ति के हाथों का धुला-साफ होना जरूरी है। इस तरह की कच्ची चीजें खाने से परहेज करें।


* दही और दूध की बनी हुई कोई भी चीज, जो उबली ना हो, न खाएं। खासतौर से ऐसी चीजें बच्चों को ना दें।

* दाल-सब्जी आदि जैसी चीजें, जो उबालकर बनाई जाती हैं, उन्हें खा सकते हैं।

* फूड पॉइजनिंग होने पर बच्चे को अस्पताल ले जाएं।

ट्रीटमेंट : वहां बच्चे को आईवी फ्लूइड्‍स दिए जाते हैं।

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