मीडिया शिक्षक और पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वालीं डॉ. वर्तिका नंदा अब मीडिया पर आधारित वेबदुनिया के नवीनतम चैनल 'मीडिया दुनिया' के संपादन का जिम्मा संभालेंगी। चूंकि वर्तिका मीडिया शिक्षक हैं, अत: निश्चित रूप से पत्रकारिता के विद्यार्थियों को उनके सुदीर्घ अनुभवों का लाभ मिलेगा।
वर्तिका नंदा यूं तो मीडिया जगत में एक जाना-पहचाना नाम है, लेकिन उनकी खास विशेषताएं उन्हें दूसरों से अलग करती हैं। वे मीडिया यात्री, महिला अपराधों के खिलाफ एक सशक्त स्वर, लेखिका और मीडिया शिक्षक हैं। फिलहाल वे दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता का अध्यापन करती हैं। इससे पहले वे जी टीवी, एनडीटीवी, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली और लोकसभा टीवी से जुड़ी रही हैं। वे लोकसभा टीवी की पहली एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर बनीं और उसकी नींव से निर्माण तक का प्रमुख हिस्सा रहीं।
वर्तिका अपराधों को लेकर लगातार संवेदनशील रही हैं। उनकी पीएचडी बलात्कार और प्रिंट मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर किए गए शोध पर है। करीब 7 साल तक एनडीटीवी में अपराध बीट की प्रमुख के तौर पर उन्होंने अपराध की दुनिया को बारीकी से जाना। वे भारतीय टेलीविजन की उन गिनी-चुनी महिला पत्रकारों में से हैं जो अपराध पत्रकारिता से जुड़ीं, लेकिन बाद में उन्होंने मीडिया शिक्षण को अहमियत दी और मीडिया के छात्रों के लिए उपयोगी बनने की कोशिश की। वे भारतीय जनसंचार संस्थान में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर भी जुड़ी रहीं। जालंधर दूरदर्शन में बतौर एंकर एशिया की सबसे छोटी एंकर बनने की उपलब्धि भी डॉ. नंदा के नाम ही दर्ज है।
डॉ. नंदा प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा की प्रसार भारती के नवीनीकरण पर बनाई हाई-प्रोफाइल कमेटी की सदस्य रही हैं। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य होने के साथ ही वे दिल्ली पुलिस की महिला अपराध शाखा में मीडिया सलाहकार भी रही हैं। उल्लेखनीय काम की वजह से अल्फा पब्लिकेंशन्स ने उनका नाम दुनिया के 108 नामी पत्रकारों के एन्साइक्लोपीडिया में भी शामिल किया और 13 अन्य पत्रकारों के साथ उनकी तस्वीर को कवर पर भी छापा। वे प्रिंट मीडिया के तहत त्रैमासिक मीडिया जरनल कम्यूनिकेशन टुडे की एसोसिएट एडिटर भी हैं।
पुस्तकें : 'तिनका तिनका तिहाड़' (तिहाड़ जेल की महानिदेशक विमला मेहरा के साथ संपादन), महिला अपराध पर पहला कविता संग्रह 'थी. हूं.. रहूंगी...', मीडिया के लेखों के संकलन- 'खबर यहां भी', 'मरजानी', 'टेलीविजन और क्राइम रिपोर्टिंग', 'टेलीविजन और अपराध पत्रकारिता'। 'नानकपुरा कुछ नहीं भूलता' महिला अपराध पर एक लघु फिल्म का निर्माण। यह फिल्म 'थी. हूं..रहूंगी' की पहली कविता 'नानकपुरा कुछ नहीं भूलता' पर आधारित है।
सम्मान : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा प्रदत्त 'स्त्री शक्ति पुरस्कार' (2014) के अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के हाथों यूथ आइकॉन अवॉर्ड, 2012 में ऋतुराज परंपरा सम्मान, डॉ राधाकृष्ण मीडिया अवार्ड, 2007 में टेलीविजन और अपराध पत्रकारिता को भारतेंदु हरिश्चंद्र अवॉर्ड और सुधा पत्रकारिता सम्मान शामिल हैं।
अन्य : मीडिया प्रशिक्षक के तौर पर लाल बहादुर शास्त्री अकादमी, मसूरी, दिल्ली पुलिस, इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी, आकाशवाणी स्टाफ ट्रेनिंग कॉलेज सहित कई संस्थानों में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए मीडिया ट्रेनिंग वर्कशॉप्स का आयोजन। वर्तिका और विमला मेहरा का लिखा गाना- 'तिनका तिनका तिहाड़' तिहाड़ जेल का पहचान बन चुका है।
डॉ. वर्तिका विभिन्न टीवी चैनलों में मीडिया और जेंडर विशेषज्ञ के तौर पर अपनी बात रखती हैं। लोकसभा टीवी पर उनका कार्यक्रम 'संसद से सड़क तक' आम आदमी और विशिष्ट जनों के बीच सार्थक पुल बना था। इसके अलावा मंच संचालन के जरिए भी वे महिला अधिकारों पर बात करती रही हैं। 2013 में सोनिया गांधी के हाथों उद्घाटित अहिंसा मैसेंजर कार्यक्रम का संचालन और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की मौजूदगी में हुए भारत सरकार के बालिक दिवस के कार्यक्रम का संचालन भी किया। 2014 के बच्चों के राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कारों का प्रधानमंत्री आवास से संचालन।
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले 2014 में हिन्दी महोत्सव के तहत कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का संचालन और भागीदारी। अमेरिका में न्यूयॉर्क और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के सामंजस्य से आयोजित हिन्दी सम्मेलन में सक्रिय भागेदारी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2013 में साहित्य अकादमी के विशेष कार्यक्रम में हिन्दी कविता का प्रतिनिधित्व। विश्व हिन्दी सम्मेलन, जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में 2012 में काव्य पाठ। लाल किले से लेकर हिन्दी अकादमी के कई कार्यक्रमों में काव्य-पाठ। 2014 के जयपुर लिटरेरी फेस्टिवल के 4 विभिन्न सत्रों के लिए विशेष रूप से आमंत्रित।