उत्तराखंड में बारिश का कहर, 60 की मौत

मंगलवार, 18 जून 2013 (12:30 IST)
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देहरादून/नई दिल्ली। तीन दिन से लगातार जारी बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड में जल प्रलय का मंजर है। प्राप्त सूचना अनुसार अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच चार धाम यात्रा मार्ग को बंद कर दिया गया है। उत्तराखंड में करीब 40 हजार से ज्यादा यात्री सड़कों पर ही फंसे हुए हैं। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान के पास बह रही हैं।

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चार धाम यात्रा थमी : कुमाऊं हो या गढ़वाल मंडल, बारिश हर जगह बेतरह हो रही है। पहाड़ों पर बसे सैंकड़ों गांवों का संपर्क देश दुनिया से कट गया है। चार धाम यात्रा मार्ग भी बंद हो गया है। चार धाम यात्रियों को ऋषिकेश से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।

कहां कितने लोग मरे : जल आपदा से रामबाड़ा में 11 लोग, देहरादून में 7, उत्तरकाशी में 7 लोगों समेत कुल 26 लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश भर में भारी आपदा को देखते हुए मृतकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।

चमोली में 20 गाड़ियां बाढ़ में बह गई है। बिजली और मोबाइल सेवा ठप। बाढ़ के हालात को देखते हुए सेना बुला ली गई है। केदारनाथ के रामबाड़ा में बादल फटने से 50 लोग लापता हो गए है।

बचाव कार्य : सेना के 10 हेलिकॉप्टर बचाव कार्य करने के लिए तैयार है लेकिन बारिश अभी भी जारी है। ऐसे में हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। आईटीबीपी और सेना के जवान बजाव कार्य में लगे हुए हैं। अब तक 11 लोगों के शव निकाले गए। भारी बारिश के चलते राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
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उत्तराखंड में भारी आपदा को देखते हुए एनडीआरएफ की 12 टीमें वहां पहुंच चुकी है। 500 लोगों की ये टीम प्रदेश में आपदा का जायजा लेगी साथ ही राहत कार्यों में भी मदद देगी। हरिद्वार हो या फिर राजधानी देहरादून, सब जगह बारिश से जनजीवन बेहाल है।

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कहां कितने यात्री फंसे : जल प्रलय के चलते धनौल्टी में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हो गई। अब तक करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जगह-जगह करीब 40 हजार से ज्यदा लोग फंसे हुए हैं। बद्रीनाथ में 10 हजार, केदारनाथ में 5 हजार, हेमकुंड में 2 हजार, उत्तरकाशी में करीब 18 हजार और घांघरिया में 6 हजार यात्री फंसे हुए हैं।

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नदियां उफान पर : प्रदेश में भारी बारिश के कारण अलकनंदा, भागीरथी मंदाकिनी समेत पिंडर खतरे के निशान से उपर बह रही है। श्रीनगर में अलकनंदा खतरे के निशान से 2 मीटर उपर बह रही है। उत्तरकाशी में गंगा नदी उफान पर है।

गंगा का जलस्तर यहां अचानक बढ़ जाने से नदी किनारे रहने वाले लोग दहशत में हैं। उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद असिगंगा और भागीरथी में जल स्तर बढ़ गया है। वहीं लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा और यमुना का जल स्तर भी तेजी से बढ़ा है।

हरिद्वार में भी गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है जिसके चलते गंगा तट पर बसे सैकड़ों गांवों में बाढ़ का खतरा अभी से मंडराने लगा है। दो दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है।

बह गई इमारतें : यहां एक मकान नदी की तूफानी रफ्तार में बह गया। नदी के किनारे बनी तीन मंजिली इमारत देखते ही देखते पानी में समा गई। नदी की तेज रफ्तार में पहले मकान का एक हिस्सा गिरा और फिर देखते ही देखते पूरी की पूरी इमारत नदी के तेज बहाव में समा गई।

मकान के नदी में समा जाने से कुछ घंटे पहले ही यहां रह रहे लोगों ने खतरे को भांपते हुए इसे खाली कर दिया था।

मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के राज्य से बाहर होने के कारण राजस्व मंत्री ने फिलहाल राहत और बचाव कार्य की कमान संभाली है। मौसम विभाग से अच्छी खबर नहीं मिल रही है। मौसम विभाग की मानें तो अगले बहत्तर घंटे तक बारिश उत्तराखंड में यूं ही कहर बरपाएगी। (एजेंसी)
वीडियो सौजन्य : यू ट्यूब

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