बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने जम्मू रैली में धारा 370 नरम रुख अपनाया। मोदी के इस रुख के बाद धारा 370 पर नई बहस शुरू हो गई है। इस बहस में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ ही शशि तरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर शामिल हो गई हैं। आइए जानते हैं क्या धारा 370।
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क्या है धारा 370 : स्वतंत्रता के बाद छोटी-छोटी रियासतों को भारतीय संघ शामिल किया गया। जम्मू-कश्मीर को भारत के संघ में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करने के पहले ही पाकिस्तान समर्थित कबिलाइयों ने उस पर आक्रमण कर दिया। उस समय कश्मीर के राजा हरि सिंह कश्मीर के राजा थे। उन्होंने कश्मीर के भारत में विलय का प्रस्ताव रखा।
तब इतना समय नहीं था कि कश्मीर का भारत में विलय करने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी की जा सके। हालात को देखते हुए गोपालस्वामी आयंगर ने संघीय संविधान सभा में धारा 306-ए, जो बाद में धारा 370 बनी, का प्रारूप प्रस्तुत किया। इस तरह से जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिल गए।
क्या हैं अधिकार : - भारत के अन्य राज्यों के लोग जम्मू कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
- वित्तीय आपातकाल लगाने वाली धारा 360 भी जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होती।
- जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा है।
- भारत की संसद जम्मू-कश्मीर में रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा कोई अन्य कानून नहीं बना सकती।
- धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं।
- कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहरी से शादी करती है तो उसकी कश्मीर की नागरिकता छिन जाती है।
- जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन नहीं लग सकता है।