राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया की अपनी यात्रा के बाद शुक्रवार देर रात स्वदेश लौट आईं। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से बातचीत की और कर से संबंधित मामलों समेत द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
पाटिल की 30 सितंबर से चार अक्टूबर तक स्विट्जरलैंड की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने वित्तीय संवाद पर एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए जो उनके कर प्राधिकारों के बीच सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।
पाटिल और उनकी स्विस समकक्ष मिशेलीन कामी रे की मौजूदगी में हुए समझौते से पहले दोहरे कराधान सहमति के प्रोटोकाल में संशोधन पर दस्तखत किए गए।
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान स्विस पक्ष ने कहा कि वे यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन या सर्न की भारत की सदस्यता का पूरी तरह समर्थन करते हैं। पाटिल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए भी स्विट्जरलैंड से समर्थन की मांग की।
स्विस पक्ष ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुधारों का समर्थन किया है और भारत की स्थायी सदस्यता की आकांक्षा को वैध मानते हैं। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में पाटिल ने भारत.ऑस्ट्रिया बिजनेस फोरम मीट को संबोधित किया जहां उन्होंने विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति फिशर से बातचीत के दौरान पाटिल ने उन्हें इस बात से अवगत कराया कि भारत पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सामान्य करने की अपेक्षा करता है बशर्ते इसमें सकारात्मक कारक हों। उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के साथ रिश्तों में विस्तार के लिए भी प्रयास तेज किए हैं। (भाषा)