नेताओं को सलाह देने वाली फर्मों की पौ-बारह

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014 (19:00 IST)
नई दिल्ली। आम चुनाव के महासमर में नेताओं को सलाह देनी वाली कंपनियों की इन दिनों पौ-बारह है। उम्मीदवारों की रैली से लेकर, उनके प्रचार अभियान और चुनाव क्षेत्र के विश्लेषण सहित कई तरह की सेवाएं देने वाली इन सलाहकार कंपनियों का कुल कारोबार 700 से 800 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।

एसोचैम ने ‘लोकसभा चुनावों पर आधारित कारोबार की कारोबारी संभावनाएं’ विषय पर एक दस्तावेज तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2014 के इन आम चुनाव में एक खास बात यह है कि बड़ी संख्या में युवा मतदाताओं का एक नया वर्ग सामने आया है, जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा मतदान करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान भी शुरू किया गया है, इससे आम चुनाव काफी अहम् बन गए हैं।

एसोचैम महासचिव डीएस रावत ने यह दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि मतदान आंकड़ों का अलग-अलग विश्लेषण काफी महत्वपूर्ण हो गया है। मतदान का प्रतिशत, जीत का फासला, मतों का झुकाव, जनसांख्यिकीय जानकारी सहित कई तरह के विश्लेषण का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है।

रावत ने कहा कि अब पार्टियां चुनाव को 5 साल में आने वाला एक मौका लेकर नहीं चलतीं हैं बल्कि जो उम्मीदवार जीतते हैं वे अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं जबकि हारने वाला उम्मीदवार अपनी कमियों का पता लगाकर भविष्य की रणनीति बनाना चाहता है। यह कार्य सलाहकार सेवाओं के जिम्मे होता है। (भाषा)

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