महा-मुकाबले के लिए किले में तब्दील हुआ वाराणसी

रविवार, 11 मई 2014 (19:07 IST)
वाराणसी। मंदिरों और घाटों के लिए मशहूर वाराणसी शहर मतदान से पहले किले में तब्दील हो गया है, जहां सोमवार को निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान के लिए 45 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। यहां भाजपा के नरेन्द्र मोदी और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के बीच कड़ा मुकाबला है।

उत्तरप्रदेश के आला पुलिस अधिकारी खुद सुरक्षा हालात का जायजा लेने यहां आए हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव के सबसे अहम महा-मुकाबले के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। चुनाव आयोग ने एक विशेष पर्यवेक्षक की भी नियुक्ति की है।

शहर के लगभग हर हिस्से में और ग्रामीण इलाकों में सशस्त्र सुरक्षाकर्मी देखे जा सकते हैं। पुलिस ने कहा कि चुनावों के दौरान बूथ कैप्चर करने और धांधली समेत किसी भी तरह की आशंका नहीं होनी चाहिए।

पुलिस महानिरीक्षक प्रकाश डी (वाराणसी संभाग) ने कहा कि राज्य पुलिस, बीएसएफ, आरएएफ और सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मी पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं और निष्पक्ष तथा स्वतंत्र चुनावों के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। सभी 1,562 मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है, जो सीसीटीवी निगरानी में हैं।

पुलिस ने पिछले दो दिन में अनेक इलाकों में छापे मारे हैं और एहतियातन जांच की है। ‘संवेदनशील’ क्षेत्र के तौर पर पहचाने गए इलाकों में कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने उन सभी लोगों से वाराणसी से जाने को कहा है, जो प्रचार में शामिल रहे लेकिन शहर में नहीं रहते।

पुलिस यहां होटलों, अतिथिगृहों और धर्मशालाओं में छापे मारकर बाहरी लोगों का पता लगा रही है, जो वाराणसी के नहीं हैं और प्रचार में भाग ले रहे थे।

गंगा के किनारे पर घाटों के आसपास के इलाकों को साफ किया जा रहा है वहीं अल्पसंख्यक बहुल कुछ इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रकाश ने बताया कि हमने पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। पर्याप्त संख्या में जवानों को तैनात किया गया है और हमें विश्वास है कि वाराणसी में मतदान शांतिपूर्ण रहेगा और कोई धांधली नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि मैं सुरक्षा तैयारियों से संतुष्ट हूं। वाहनों की भी जांच की जा रही है ताकि मतदाताओं को लुभाने के लिए धन और शराब का इस्तेमाल नहीं हो। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने पिछले कुछ दिन में कई बार बैठक कर चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की खामी को दूर करने का प्रयास किया है।

पुलिस को स्थानीय अपराधियों पर भी नजर रखने को कहा गया है। वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट और निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव व्यक्तिगत रूप से अनेक इलाकों का जायजा लेकर जमीनी हालात का आकलन कर रहे हैं।

भाजपा ने गुरुवार को बेनियाबाग इलाके में मोदी को रैली की अनुमति नहीं देने के बाद यादव के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी और उन्हें हटाने की मांग की थी।

हालांकि कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि इससे यादव का मनोबल नहीं गिरा है और वे सफल चुनाव कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रकाश ने शहर में निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर भाजपा की आशंका को खारिज कर दिया।

आम आदमी पार्टी ने शनिवार को कहा था कि उसने जासूसी कैमरों के साथ अपने 250 कार्यकर्ताओं को शहर भर में लगाया है ताकि मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से शराब और पैसा बांटने की कोशिश नहीं हो सके।

शहर में शनिवार को से शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई है और मतदान समाप्त होने तक यह जारी रहेगी। (भाषा)

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