फरवरी के महत्वपूर्ण त्योहार

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फरवरी माह में कई महत्वपूर्ण तिथियाँ हैं। जिसमें विनायकी चतुर्थी 6 फरवरी को मनाई गई। इसे वरद तथा तिलकुंड चतुर्थी भी कहा गया है। माघी चतुर्थी के बाद आने वाली चतुर्थी पर भी गणेशजी को तिल का भोग लगाने का विधान शास्त्रों में उल्लेखित है। इस कारण गणेश आराधना, व्रत का विधान, पूजा-पाठ तथा दान आदि का विशेष महत्व है।

आठ फरवरी को वसंत पंचमी के दिन वासंती फूलों से देवी सरस्वती की पूजा आराधना करने का बहुत अधिक महत्व है। वसंत पंचमी के दिन बिना मुहूर्त के ही सारे काम संपन्न किए जा सकते हैं। यह दिन अपने आप में ही इतना खास है कि शादी-विवाह के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। वसंत पंचमी पर विशेष कर विद्यार्थियों को सरस्वती की पूजा, दर्शन आदि करके विद्या प्राप्ति के लिए माँ सरस्वती से प्रार्थना करनी चाहिए।

10 फरवरी आरोग्य सप्तमी यानी संपूर्ण रोग निवारणार्थ यंत्र पूजा का महत्व है, वहीं नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा पूजा व आराधना का दिवस ‍है। 11 को भीष्मा अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन गाय दान का महत्व बहुत है। आज के दिन गाय का पूजन करके उनके संरक्षण करने से मनुष्य को पुण्य फल की प्राप्ति होती‍ है।

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तत्पश्चात 14 फरवरी को जया एकादशी का पर्व है इस दिन एकादशी का उपवास करके कथा श्रवण व व्रत विधान का अलग ही महत्व है। विश्वकर्मा जयंती 16 फरवरी मनाई जाएगी। इस दिन प्रदोष भी है। कहते है कि भगवान विश्वकर्मा की आराधना करने से मकान आदि की अभिलाषा पूर्ण होती है और प्रदोष व्रत से समस्त दोषों का निवारण होता है।

18 फरवरी को माघ स्नान समाप्त हो जाएगा। साथ ही इस दिन डांडारोपिणी पूर्णिमा मनाई जाएगी। वसंत पंचमी से ही होली के त्योहार के आगमन की सूचना मिलती है तथा वैष्णव मंदिरों में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत भी हो जाती है।

22 फरवरी को शिव नवरात्रि प्रारंभ एवं 28 फरवरी को विजया एकादशी मनाई जाएगी। जिसका व्रत विधानपूर्वक करने से सारे कष्‍टों से मुक्ति मिल जाती है

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