लेह में लापता लोगों की तलाश जारी

शनिवार, 7 अगस्त 2010 (19:28 IST)
बादल फटने की घटना से तबाह हुए लेह में बचावकर्मियों की ओर से मलबे में दबे शवों को निकाले जाने के बीच लापता हुए करीब 600 लोगों की तलाश जारी है।

बादल फटने की घटना में मरने वालों की तादाद 130 तक पहुँच गई है। राहत दल भी ऊँचाई पर स्थित लेह के दूर-दराज के गाँवों में पहुँचने की कोशिश में हैं।

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय वायुसेना का एक विमान राहत सामग्री लेकर लेह में उतरा है। विमान में प्रभावित लोगों के लिए कंबल, सूखी खाद्य सामग्री, दवाएँ और अन्य जरूरत के सामान हैं। प्रवक्ता ने बताया कि बादल फटने की घटना के पीड़ितों के लिए सशस्त्र बलों ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चला रखा है।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक कुलदीप खोड़ा ने बताया कि अब तक 130 शव बरामद किए जा चुके हैं और कम से कम 370 अन्य घायल हैं। लापता लोगों की संख्या अभी भी निश्चित नहीं है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस घटना में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

सूत्रों ने आशंका जताई कि मरने वालों की तादाद 500 से ज्यादा हो सकती है क्योंकि दूर-दराज के कई गाँवों तक तो अभी राहत दल पहुँच भी नहीं पाए हैं।

चोगलमसुर के निकट एक छोटा-सा गाँव प्रलयंकारी वर्षा के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गया। बचावकर्मी मलबे में अभी भी जिंदा लोगों की तलाश में जुटे हैं। यहाँ से 13 किलोमीटर दूर चोगलमसुर से 200 लोगों के अभी भी लापता होने की खबर है।

एक ठेकेदार ने राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों से कहा कि उसकी ओर से नियुक्त 150 मजदूर श्योंग गाँव से लापता हैं। ठेकेदार ने इन मजदूरों को इसी गाँव में ठहराया था। श्योंग गाँव सिंधु नदी के किनारे बसा है और अधिकारियों को आशंका है कि कई झोपड़ियाँ बाढ़ में बह गई होंगी।

थलसेना को स्थानीय और बाहर से आए मजदूरों का ब्योरा देने को कहा गया है। अधिकारियों का कहना है कि थलसेना को भी तुतरुक इलाके में नुकसान हुआ है। गाड़ियों की आवाजाही के मामले में दुनिया की सबसे ऊँची सड़क चांग ला दर्रा से सटे कुछ गाँवों के भी मूसलाधार बारिश में बह जाने की आशंका जताई जा रही है।

केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को इस इलाके का दौरा किया। बाद में उनके दो मंत्रिमंडलीय सहयोगी गुलाम नबी आजाद और पृथ्वीराज चौहान भी यहाँ पहुँचे।

विशेष विमान पहुँचेंगे उपकरण : लेह में बादल के फटने की विनाशकारी घटना के बाद वहाँ मोबाइल और टेलीफोन संचार सुविधा बहाल करने के लिए विशेष विमान से उपग्रह दूरसंचार उपकरण भेजे जाएँगे।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आपदा प्रबंधन समन्वय दल ने बीएसएनएल के लिए 19 वीसैट तथा अन्य उपकरण पहुँचाने के लिए विशेष विमान भेजने का निर्णय लिया है ताकि वहाँ मोबाइल और दूरसंचार सुविधा बहाल हो सके। (भाषा)

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