तेरे जाने के बाद ऐ हमदम

कितने पुरकैफ़ थे ये नज्ज़ारे
तेरे जाने के बाद ऐ हमदम
फूल भी बन गए हैं अंगारे - अज़ीज़ अंसारी

पुरकैफ़ = मस्ती भरे

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