कोमल है तू कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है
सतियों के नाम पे तुझे जलाया, मीरा के नाम पे जहर पिलाया,
सीता जैसे अग्नि परीक्षा जग में अब तक जारी है कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम नारी है
इल्म हुनर में .... दिल दिमाग में किसी बात में कम तो नहीं पुरुषो वाले ... सारे ही अधिकारों की अधिकारी है,
कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है...
बहुत हो चुका ..... अब मत ना सहना तुझे इतिहास बदलना है नारी को कोई कह ना पाए ... अबला है, बेचारी है
कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम नारी है जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है, कोमल है तू कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है