जब महेंद्र सिंह धोनी ने खत्म किया था 15 साल का इंतजार, जिताया था इस सदी का पहला एशिया कप

बुधवार, 23 अगस्त 2023 (13:40 IST)

भारतीय क्रिकेट फैंस पिछले 10 साल से आईसीसी ट्रॉफी ना जीत पाने के लिए टीम की आलोचना करते रहते हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट में एक दौर वह भी था जब एशिया कप जीतने के लिए भारतीय टीम को करीब 15 साल का इंतजार करना पड़ा था। यह इंतजार कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में खत्म हुआ था। इससे पहले भारत साल 1995 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में एशिया कप जीता था।
 


श्रीलंका में हुए इस एशिया कप में पिछली बार की तरह आधा दर्जन टीमें नहीं थी। क्योंकि पिछले 2 संस्करण में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश ही सुपर 4 तक पहुंचती रही। इस कारण इसे दो भागों में नहीं बांटा गया। टूर्नामेंट को स्वरूप ऐसा रखा गया कि ग्रुप स्टेज के बाद पहली 2 टीमें सीधे फाइनल खेलें। इस हिसाब से कुल 7 मैच इस एशिया कप में खेले गए। जानते हैं कि यह टूर्नामेंट कैसा रहा।
 


लसिथ मलिंगा (34 रन पर पाँच विकेट) की घातक गेंदबाजी और एंजेलो मैथ्यूज के हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत श्रीलंका ने एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के रोमांचक उद्घाटन मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 16 रन से शानदार जीत दर्ज की थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जोरदार वापसी करने वाले तूफानी गेंदबाज शोएब अख्तर (41 रन पर तीन विकेट) और कप्तान शाहिद अफरीदी (109) का विस्फोटक शतक भी पाकिस्तान को जीत का दीदार नहीं करा सका और मैच श्रीलंका की झोली में चला गया था।

टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरा श्रीलंका एक समय 37वें ओवर तक अपने सात विकेट 168 रन पर गँवाकर संघर्ष कर रहा था। उस समय ऐसा लग रहा था कि गत दो बार की चैंपियन टीम 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी1 लेकिन माहेला जयवर्द्धने (54) और मैथ्यूज (नाबाद 55) के अर्द्धशतकों की मदद से उसने नौ विकेट पर 242 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में सफलता पाई।जवाब में पाकिस्तान की शुरुआत काफी निराशाजनक रही और 14वें ओवर तक उसके चार बल्लेबाज महज 32 रन जोडकर पैवेलियन लौट गए। टीम का स्कोर चार विकेट पर 32 रन था तब ऐसी विषम परिस्थिति में अफरीदी ने मात्र 76 गेंदों का सामना करके आठ चौके और सात शानदार छक्के की मदद से शानदार शतक ठोंकते हुए संकटमोचन बनने की पूरी कोशिश की लेकिन भाग्य पाकिस्तान के साथ नहीं था।
 


एशिया कप के दूसरे मैच में भारत ने दमदार गेंदबाजी की बदौलत बांग्लादेश की पारी को केवल 34.5 ओवरों के खेल में 167 रनों के मामूली योग पर पैवेलियन भेज दिया। भारत के लिए वीरेंद्र सहवाग ने केवल 6 रनों पर चार खिलाड़ियों को आउट करके अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की।भारत ने जीत का लक्ष्य (168) 4 विकेट खोकर 30.4 ओवर में ही अर्जित कर लिया। आउट होने वाले बल्लेबाज थे गौतम गंभीर (82), वीरेन्द्र सहवाग, विराट कोहली (11-11) और रोहित शर्मा (0)। महेन्द्र सिंह धोनी 38 और सुरेश रैना 1 रन बनाकर नाबाद रहे। मुर्तजा और सकीबुल हसन ने 2-2 विकेट आपस में बाँटे।

इससे पहले बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज इमरुल कैस और तमीम इकबाल ने बांग्लादेश को तेज शुरुआत दी। दोनों बल्लेबाजों ने 3 ओवर से पहले ही 35 रन बना दिए, लेकिन इसी स्कोर पर तमीम (12 गेंदों में 22 रन) प्रवीण कुमार का शिकार बन गए।दूसरे विकेट के लिए कैस (37) और मोहम्मद अशरफुल (20) ने 42 रन जोड़े। इनके आउट होने के बाद लगातार विकेट गिरते रहे। मुश्फिकुर रहीम (30) और मेहमुदुल्लाह (23) ने किला लड़ाने की कोशिश की, लेकिन इनके प्रयास काफी नहीं रहे और बांग्लादेश की पूरी टीम 34.5 ओवरों में 167 रनों पर ढेर हो गई।


तिकलरत्ने दिलशान के जबरदस्त आलराउंड खेल (71 और 37 रन पर तीन विकेट) के दम पर श्रीलंका ने बांग्लादेश को 126 रन से रौंदकर एशिया कप क्रिकेट टूनामेंट के फाइनल में पहुँचने का अपना दावा मजबूत कर लिया।

श्रीलंका ने चार विकेट पर 312 रन का मजबूत स्कोर खड़ा करने के बाद बांग्लादेश को 40.2 ओवर में 186 रन पर निपटा दिया। दिलशान 51 गेंदों में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से बेहतरीन 71 रन बनाने के बाद 10 ओवर में 37 रन पर तीन विकेट झटके। श्रीलंका को इस जीत से बोनस अंक सहित पांच अंक मिले।बांग्लादेश अपनी लगातार दूसरी हार के साथ फाइनल की होड़ से बाहर हो गया।
 


गौतम गंभीर और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के जुझारू अर्धशतक के बाद सुरैश रैना की तेजतर्रार पारी की मदद से भारत ने पाकिस्तान को तीन विकेट से हराकर एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में फाइनल में जगह बनाई।

पाकिस्तान ने सलमान बट (74) और कामरान अकमल (51) की उपयोगी पारियों की मदद से 49.3 ओवर में 267 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत ने गंभीर (83), धोनी (56) और रैना (34) की पारियों की मदद से एक गेंद शेष रहते हुए सात विकेट पर 271 रन बनाकर मैच जीत लिया।

भारत की जीत के हीरो हालाँकि हरभजनसिंह (नाबाद 15) रहे जिन्होंने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमेर की गेंद को उस समय छह रन के लिए भेजा जब भारत को जीत के लिए दो गेंद पर तीन रन बनाने थे। इस ऑफ स्पिनर ने 11 गेंद की अपनी पारी में दो छक्के मारे।इस जीत के साथ भारत दो मैचों में नौ अंक के साथ फाइनल में पहुँचा।


भारत और श्रीलंका से पिटकर एशिया कप से बाहर हुई पाकिस्तानी टीम ने प्रतिष्ठा का सवाल बने टूर्नामेंट के अपने अंतिम लीग मैच में बांग्लादेश की कमजोर टीम पर अपने दिल का गुबार निकालते हुए कप्तान शाहिद अफरीदी (124) के तूफानी शतक की बदौलत उसे 139 रन के अंतर से रौंद दिया।

पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के खिलाफ सात विकेट पर 385 रन का पहाड़-सा स्कोर खड़ा कर लिया। अफरीदी ने बांग्लादेशी गेंदबाजों पर कहर ढाते हुए महज 60 गेंदों में 17 चौकों और चार छक्कों की मदद से 124 रन तूफानी पारी खेली जबकि ओपनर इमरान फरहत ने 66, शाहजैब हसन और उमर अकमल ने 50-50 रन बनाए।

जवाब में बांग्लादेश की टीम जुनैद सिद्दिकी (97) और इमरूल कायेस (66) के जुझारू अर्द्धशतकों के बावजूद निर्धारित 50 ओवरों में 246 रन ही बना सकी और जीत पाकिस्तान के खाते में गई। दोनों ही टीमें टूर्नामेंट से पहले ही बाहर हो चुकी थी। यह लगातार तीसरा मौका था जब दोनों टीमें फाइनल से पहले बाहर हो चुकी थी।


श्रीलंका के तेज गेंदबाज फरवीज माहरूफ ने घातक गेंदबाजी करते हुए हैट्रिक सहित पाँच विकेट लेकर भारत को एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल का पूर्वाभ्यास माने जा रहे मैच में शर्मनाक हार झेलने के लिए मजबूर कर दिया।श्रीलंका ने कप्तान कुमार संगकारा (73) और माहेला जयवर्द्धने (नाबाद 53) के बेहतरीन अर्द्धशतकों से यह मैच सात विकेट से जीतकर टूर्नामेंट में जीत की हैट्रिक पूरी की और गुरुवार को होने वाले फाइनल में लिए अपना मनोबल मजबूत कर लिया।

फरवीज ने 42 रन पर पाँच विकेट लेकर भारत की मजबूत बल्लेबाजी को 42.3 ओवर में मात्र 209 रन पर ढेर कर दिया। श्रीलंका ने इसके बाद अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के दमदार प्रदर्शन से एकतरफा अंदाज में 37.3 ओवर में तीन विकेट पर 211 रन बनाकर बेहतरीन जीत हासिल कर ली।

दिनेश कार्तिक के जुझारू अर्धशतक और आशीष नेहरा की कातिलाना गेंदबाजी से भारत ने फाइनल में श्रीलंका से हारने के मिथक को तोड़ते हुए अपने इस चिरप्रतिद्वंद्वी को 81 रन से करारी शिकस्त देकर 15 साल बाद एशिया कप अपने नाम किया।महेंद्र सिंह धोनी की टीम आखिर में हार के इस सिलसिले को तोड़ने में सफल रही, जिसमें उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों और तेज गेंदबाजों विशेषकर नेहरा ने अहम भूमिका निभाई। टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे भारत ने कार्तिक के 84 गेंद पर 66 रन तथा रोहित शर्मा (41) और धोनी (38) के उपयोगी योगदान से छह विकेट पर 268 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया।

श्रीलंका की टीम को पहले ओवर से ही झटके लगने शुरू हो गए और नेहरा ने बीच में केवल छह रन के एवज में चोटी के तीन बल्लेबाज पवेलियन भेजकर उसका स्कोर पाँच विकेट पर 51 रन कर दिया।श्रीलंका इस खराब शुरुआत से नहीं उबर पाया और चमारा कापुगेदारा के नाबाद 55 रन के बावजूद 44.4 ओवर में 187 रन पर ढेर हो गया। नेहरा ने नौ ओवर में 40 रन देकर 4 विकेट लिए जबकि रविंदर जडेजा और जहीर खान को दो-दो विकेट मिले।

दिलचस्प बात यह रही कि पिछले 2 संस्करण में श्रीलंका से भारत ग्रुप स्टेज में जीता था लेकिन फाइनल हार गया। इस बार ठीक उल्टा हुआ। श्रीलंका ने भारत को ग्रुप स्टेड में तो हराया लेकिन फाइनल में भारत ने मेजबान श्रीलंका को पटखनी दे दी।पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी को 2 शतक जड़ने के कारण मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया।

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