कला व फिल्म संसार का कारक शुक्र होता है। वर्षांक 9 है व इसका स्वामी मंगल है। शुक्र व मंगल एक-दूसरे के विपरीत हैं। वर्षारंभ में शुक्र अग्नि तत्व की राशि धनु में सूर्य-शनि के साथ है।
इस साल कलात्मक फिल्मों के स्थान पर हिंसात्मक फिल्मे चर्चा में रहेंगी। इस वर्ष कुछ बड़ी फिल्में विवादास्पद रहेंगी जिससे फिल्म उद्योग को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मंगल को वर्षारंभ में गुरु का साथ मिलने से कुछ गंभीर, सामाजिक विचारात्मक फिल्में आ सकती हैं। इससे फिल्म जगत को कुछ राहत भी मिल सकती है।
चतुर्थ भाव जनता का भाव होता है। चतुर्थ भाव का स्वामी शुक्र की राशि तुला में है। यह स्थिति एकादश में होने से फिल्मों को जनता के माध्यम से कुछ लाभ व कुछ नुकसान की स्थिति रहेगी। शनि, सूर्य व शुक्र का संयुक्त होना वर्षारंभ में कोई खास संकेत नहीं देता। पंचम भाव मनोरंजन का है। उसका स्वामी मंगल, शुक्र की राशि तुला में है, जो फिल्म जगत को लाभ के बजाए नुकसानदायक होने की सूचना दे रहा है। वर्षारंभ में मिथुन राशि है, अत: फिल्म उद्योग को बाहर से लाभ की उम्मीद रह सकती है।
बड़े बजट की फिल्मों को सफलता के चांस कम हैं। कुछ मिली-जुली फिल्में घाटे में न रहकर अच्छा लाभ कमाने में सफल होंगी।