इस वर्ष आपको काफी सतर्क रहना होगा। अपने खर्चे पर नियंत्रण रखना होगा। पारिवारिक जीवन में तनाव रह सकता है। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद की स्थिति आ सकती है। इसका कारण अहं हो सकता है। आपको अपने स्वभाव तथा गुस्से पर नियंत्रण रखना होगा। छोटे भाई-बहनों के साथ जमीन-जायदाद को लेकर वाद-विवाद हो सकता है। आप अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें व तुरंत जवाब देने से बचें। इस वर्ष माता तथा पिताजी के साथ रिश्ते सामान्य रहेंगे। परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव हो सकता है। विवेक से काम लेने में ही भलाई है। आपके ऊपर परिवार का दायित्व बढ़ सकता है। आप अपना घर या कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो सफलता मिलेगी।
स्वास्थ्य
इस साल आपको स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सबसे पहले मन को दृढ़ और प्रसन्न रखिए। आपको दांत, दाढ़ या मुंह से संबंधित कोई बीमारी हो सकती है। आंख में मोतियाबिंद की समस्या आ सकती है। आप तरल पदार्थ का सेवन अधिक से अधिक करें तथा पानी, दूध और जूस का आवश्यकतानुसार सेवन करें। नियमित व्यायाम आपके लिए उत्तम रहेगा।
धन-संपत्ति
इस वर्ष धन-संपत्ति के मामले में सावधानी रखने की जरूरत है। धनभाव का स्वामी शनि व्यय स्थान में होने से धनभाव को देख रहा है अत: धन का खर्च अधिक हो सकता। केतु आपके संपूर्ण वर्ष लग्न भाव में तथा राहु आपके सप्तम भाव में रहेंगे। राहु-केतु के कारण कोई गलत निर्णय से आपको आर्थिक हानि हो सकती है। जल्दबाजी में कोई निर्णय लेना ठीक नहीं होगा। कोई भी निवेश सोच-समझकर करें। भाइयों से सहयोग की अपेक्षा न रखें। इस वर्ष जमा पैसा खर्च होने के योग बन रहे हैं।
नौकरीपेशा
इस वर्ष नौकरी की दृष्टि से बहुत अच्छा समय नहीं कहा जा सकता। इस साल परिश्रम अधिक करना होगा। यदि नौकरी कर रहे हैं तो संभल जाएं, नौकरी जा भी सकती है अत: पूरी ईमानदारी के साथ करें। ट्रांसफर के योग भी बन रहे हैं। यदि नौकरी में बदलाव करना चाह रहे हैं तो आपको अवसर मिलेगा, परंतु सोच-समझकर ही कोई निर्णय लें तो अच्छा होगा। नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी की तलाश न करें अन्यथा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वर्षांत तक अच्छा समय व्यतीत होगा। पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। नौकरी में मान-सम्मान भी मिलेगा।
व्यवसाय
व्यवसाय के विस्तार के लिए इस साल पूरी कोशिश करेंगे, परंतु सफलता कुछ देर से ही मिलेगी। यदि चिकित्सा से संबंधित कोई कार्य है तो वृद्धि होगी। व्यापार में नए साझेदार भी मिल सकते हैं और आपको इसका लाभ उठाना चाहिए। इस वर्ष लाभ-नुकसान आपके परिश्रम पर निर्भर करेगा। जितना परिश्रम, उतना ही लाभ होगा।
आपकी राशि का स्वामी शनि है, जो व्ययभाव में वर्षभर रहेगा। अत: धन-कुटुम्ब के मामलों में सावधानी रखना होगी। बचत के योग कम ही हैं। वाणी पर संयम रखकर चलें। कोई भी कार्य जल्दबाजी में न करें।
अशुभ स्थिति में यह उपाय करें
इस वर्ष शनि को प्रसन्न करने के लिए शनिवार व्रत करना चाहिए। शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करें। 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' का मंत्र शनिवार को कम से कम 108 बार जपें। स्वस्थ रहना चाहते हैं तो बजरंग बाण का पाठ नित्य मंगलवार को करें। यदि शनि की दशा या अंतरदशा चल रही है तो मांस-मदिरा के सेवन से बचें व दूसरों की बुराई न करें।