हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,मुंडन,सगाई,गृहारंभ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं। शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है।
गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते। आइए जानते हैं वर्ष 2021 में किस अवधि में गुरु व शुक्र का तारा अस्त स्वरूप रहेगा-
गुरु के तारे की अस्तोदय अवधि-
-जनवरी संवत 2077 पौष शुक्ल पक्ष चतुर्थी दिन रविवार दिनांक 17 जनवरी 2021 को गुरु का तारा अस्त हुआ जो माघ शुक्ल पक्ष द्वितीया दिनांक 13 फरवरी 2021 दिन शनिवार को उदित हुआ।
शुक्र के तारे की अस्तोदय अवधि-
-संवत 2077 माघ शुक्ल तृतीया दिनांक 14 फरवरी 2021 दिन रविवार को शुक्र का तारा अस्त हो गया जो संवत 2078 चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी दिनांक 18 अप्रैल 2021 दिन रविवार को उदित होगा।
नूतन वर्ष 2021 की उपर्युक्त अवधि में गुरु एवं शुक्र तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण समस्त मांगलिक एवं शुभकार्य वर्जित रहेंगे।