चहारदीवारी से मिलकर आशियाना बनता है और इसे सजाने के लिए नित नवीन प्रयोग अपनाए जाते हैं। उन्हीं में शुमार है वॉलपेपर। यह न केवल घर की रौनक बढ़ाते हैं, बल्कि लोगों को नई ऊर्जा से भी भर देते हैं। इसकी खासियत है आम आदमी की जेब को सूट करना। युवा इससे अछूते नहीं हैं। इसीलिए तो मार्केट में इसकी पच्चीस हजार डिजाइनें उपलब्ध हैं।
कुछ सालों पहले तक यह ट्रेंड रेस्टोरेंट और होटल्स तक ही सीमित था। इंटीरियर डिजाइनिंग में लोगों का बढ़ता आकर्षण इसे घरों तक खींच लाया है। इंटीरियर डिजाइनर के मुताबिक वॉलपेपर की 25 हजार डिजाइनें उपलब्ध है, जो 35 से 150 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट तक की रेंज में हैं। उनके मुताबिक युवाओं में फ्लोरल, टैक्सचर, स्टीकर्स, स्कैच, ट्राइएंगल और एब्सट्रैक्ट के साथ ही पिक्चर डिजाइन के वॉलपेपर ज्यादा पसंद किए जाते है। ज्यादातर लोग थीम बेस्ड वॉलपेपर का यूज करते है। इसमें वॉल के कलर से वॉलपेपर कॉम्बिनेशन किया जाता है। उसी थीम पर सोफा, फर्नीचर और पर्दे तैयार करवाए जाते हैं।
यूरोपियन फ्री स्टाइल स्टीकर्स : कुछ समय तक तस्वीरों से दीवारें सजाई जाती थी, लेकिन अब उसकी वॉलपेपर ने ली है। इंटीरियर डिजाइनर मनीष पटेल ने कहते हैं कि बच्चों के रूम के लिए टॉम एंड जैरी, हैरी पॉटर, बाइक्स और एनिमल प्रिंट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे रूम खूबसूरत लगता है। साथ ही उनकी क्रिएटिविटी भी बढ़ती है। गर्ल्स, शिमर, फ्लोरल, रोज और एब्सट्रैक्ट वॉलपेपर ही प्रीफर करती है। कपल्स के लिए थीम बेस्ड, थ्री साइड वॉल के साथ डार्क शेड मिक्स एन मेच किया जा सकता है। इन दिनों यूरोपियन फ्री स्टाइल स्टीकर्स पसंद किए जा रहे हैं। इसमें रोज, पिरामिड, एब्सट्रैक्ट जैसी डिजाइनों के स्टीकर्स 700 से 2500 रुपए तक की रेंज में उपलब्ध है।
एस्ट्रो टच इन वॉल पेपर : ज्योतिष कहता है वॉलपेपर की सौम्यता आपके जीवन में भी चमत्कार कर सकती है। सकारात्मक संदेश देते, रंगबिरंगे फूलों वाले, ड्रेगन, उड़ते पंछी, दौड़ते घोड़े, हंस, मयूर, उगता सूर्य, ऊँट या हिरण, पीली तितलियों वाले वॉलपेपर जहाँ आपके जीवन को सफलता की राह पर ले जाते हैं वहीं युद्ध के दृश्य, जंगली जानवरों के चित्र, खून, हथियार, हिंसक चहेरे, डरावने प्रतीक, बंदर, सर्प, गिद्ध, कबूतर, बाघ, कौआ, गरुड़, उल्लू, भालू, सियार, सुअर आदि आपके जीवन में रुकावट का सबब बनते हैं।
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बेहतर होगा कि आप अपनी राशि के अनुसार वॉलपेपर का रंग, प्रतीक, शुभ चिन्ह, दैवीय प्रतीक का चयन करें। राशि के अनुसार ना मिले तो किसी योग्य ज्योतिषी से पूछकर अपनी कुंडली के कमजोर ग्रहों की पहचान करें और उसकी मजबूती के लिए वॉलपेपर लगाने की सलाह लें।
घर में हमेशा स्नेह-शांति व सुख का प्रतीक दर्शाने वाले वॉलपेपर लगाएँ। रामायण या महाभारत के युद्ध के चित्र, राक्षसों की मूर्तियाँ, क्रोध, वैराग्य, वीभत्स, दुख की भावना वाली वस्तुएँ न रखें। ऐसे ही रोती हुई स्त्री, रोता बच्चा, अकाल, सूखे पेड़ आदि वॉलपेपर कतई न लगाए। घर में जगह-जगह पर भगवान की वॉलपेपर न लगाएँ। इनसे लाभ की बजाय हानि होती हैं।
वॉलपेपर के फायदे : - वॉलपेपर सालों साल खराब नहीं होते और दीवारों पर बेड इफेक्ट नहीं छोड़ते हैं।
- इसे आसानी से घर पर ही वैक्यूम क्लीनर से साफ किया जा सकता है।
- फोम की हेल्प से वाशिंग पावडर या शैम्पू के इस्तेमाल से यह फटाफट क्लीन हो जाता है।