जानिए कैसा होगा अस्त मंगल का फल

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मंगल जहां साहस, ऊर्जा, महत्वाकांक्षा, युद्ध, नेतृत्व का कारक होता है, वहीं अगर सुस्त (अस्त) हो जाए तो फल में भी सुस्ती ला देता है।

मंगल अपने ही नक्षत्र धनिष्ठा में होकर कुंभ राशि में 1 फरवरी को अस्त हो गया है। जो 5 मार्च को मीन में, 13 अप्रैल से मेष में होकर 24 मई को वृषभ में होकर 27 जून तक अस्त रहेगा। 4 मास 27 दिनों तक मंगल निष्क्रिय रहेगा।

इस समयावधि में मंगल चार राशियों में भ्रमण करेगा। इन चार राशि (कुंभ, मीन, मेष और वृषभ) वालों को विशेष रूप से प्रभावित करेगा।

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मंगल के अस्त होने पर चार राशि वाले (कुंभ, मीन, मेष और वृषभ) जातकों के साहस, बल में कमी लाकर उनके कार्य में सुस्ती लाएगा। ऐसी अवस्था में मंगल के उपाय लाभदायक सिद्ध होंगे।

अपनी जन्म पत्रिकानुसार मंगल रत्न मूंगा सवा सात रत्ति का धारण कर लाभ में वृद्धि की जा सकती है।

मंगल भारत के लग्नानुसार देख जाए तो सप्तमेश होकर द्वादशेश भी होगा। अत: सत्ता पक्ष की परेशानियां पहले से ज्यादा बढ़ेंगी।

आगे पढ़ें बारह राशियों पर मंगल का असर :-


बारह राशियों पर मंगल का असर :-

मेष राशि : प्रभाव में कमी, स्वास्थ्य में गड़बड़ रह सकती है। काम में मन न लगना भी संभव है।

वृषभ राशि : दांपत्य जीवन में कमी, दैनिक व्यवसाय में रूकावट, बाहरी मामलों में गड़बड़ रह सकती है।

मिथुन राशि : स्वास्थ्य में गड़बड़ी, शत्रु पक्ष से चिंता, आर्थिक मामलों में कमी महसूस करेंगे।

कर्क राशि : विद्या, संतान, प्रेम, राज्य, पिता, नौकरी, व्यापार आदि के मामलों में सुस्त रहेगा।



सिंह राशि : माता के स्वास्थ्य की चिंता, जमीन-जायदाद के मामलों में सतर्कता रखनी होगी।

कन्या राशि : पराक्रम में कमी, साझेदारी के मामलों में सावधनी रखना होगी। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।

तुला राशि : धन की बचत कम, वाणी के प्रभाव में कमी, जीवन साथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।

वृश्चिक राशि : स्वास्थ्य व प्रभाव में कमी, सुस्त रहना, शत्रु पक्ष से चिंता, रोग शोक आदि होंगे।



धनु राशि : संतान से चिंता, विद्यार्थी वर्ग सतर्कता रखें। बाहरी मामलों में सावधानी रखें। खर्च में वृद्धि होगी।

मकर राशि : जनता से संबंधित कार्य में लापरवाही ना बरतें व आर्थिक सावधानी भी रखकर चलें।

कुंभ राशि : राज्य पक्ष में सावधानी रखें व व्यापार-व्यवसाय में सतर्कता के साथ पराक्रम पर ध्यान दें।

मीन राशि : भाग्य में कमी, धर्म में अरुचि, कुटुंब से विवाद, धन की बचत न होने पर चिड़चिड़ापन रहेगा।



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