1. पूर्णिमांत पंचांग: इस पंचांग में माह का अंत पूर्णिमा पर होता है। उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा आदि में इसी पंचांग का अनुसरण किया जाता है। इस प्रणाली के अनुसार, वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इसे 'वट सावित्री अमावस्या' कहते हैं।, जो कि इस बार 26 मई 2025, दिन सोमवार को मनाया जाएगा।
2. अमांत पंचांग: इस पंचांग में माह का अंत अमावस्या पर होता है। महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में इस पंचांग का अनुसरण किया जाता है। इस प्रणाली के अनुसार, वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे 'वट पूर्णिमा व्रत' कहते हैं। और यह वट पूर्णिमा व्रत पश्चिमी और दक्षिणी भारत में मंगलवार, 10 जून 2025 को मनाया जाएगा।
वट सावित्री व्रत की तिथियां 2025:
- वट सावित्री अमावस्या (उत्तरी भारत): सोमवार, 26 मई 2025।
- वट पूर्णिमा व्रत (पश्चिमी और दक्षिणी भारत): मंगलवार, 10 जून 2025।
वट सावित्री व्रत का सबसे बड़ा उद्देश्य है अपने पतियों के सुख, शांति, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करना। इस दिन विशेष रूप से वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है, क्योंकि यह पेड़ शाश्वत जीवन का प्रतीक माना जाता है।