गुरु आकाश मंडल में सबसे विशालकाय व भारी होने के साथ इनका प्रभाव भी मानव जीवन पर धर्म, न्याय, ईमानदारी, संगठनकर्ता के रूप में, बड़ों का आदर करने वालों में, प्रशासनिक क्षेत्र के व्यक्तियों में, लेखन से जुड़े व्यक्तियों में देखने को मिलता है।
गुरु का रंग पीला होने के कारण ही इनके रत्न पुखराज, सुनेला, गोल्डन टोपाज हैं। इनकी महादशा स्थिति के अनुसार 16 वर्ष की होती है। इस दशाकाल में बुरा व्यक्ति भी सुधर जाता है या फिर उनके मन में बदलाव आता है। यदि गुरु की जन्म में उत्तम स्थिति हो तो वह जातक ऊँचे पद पर जाता है।
28 सितंबर को प्रातः 5.35 पर शुक्र की तुला राशि में साहस, बल, पराक्रम मंगल के नक्षत्र चित्रा में तृतीय चरण में गुरु का प्रवेश होगा। गुरु जब तक मंगल के नक्षत्र में रहेंगे, तब तक शुभ परिणामों में वृद्धि करेंगे। जैसे ही राहु के नक्षत्र में आएँगे वैसे ही दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इसका बाजार, जनता व राजनीति पर विशेष प्रभाव रहेगा। शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव चिंता का कारण भी बन सकता है। मानव जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव रहेगा, आइए जानें।
गुरु आकाश मंडल में सबसे विशालकाय व भारी होने के साथ इनका प्रभाव भी मानव जीवन पर धर्म, न्याय, ईमानदारी, संगठनकर्ता के रूप में, बड़ों का आदर करने वालों में, प्रशासनिक क्षेत्र के व्यक्तियों में, लेखन से जुड़े व्यक्तियों में देखने को मिलता है।
मेष- लग्न या राशि वालों के लिए गुरु का गोचरीय भ्रमण सप्तम भाव से होगा यदि आप अविवाहित हैं तो विवाह के बंधन में बँधेंगे या विवाह संबंधित महत्वपूर्ण चर्चा होगी। स्वयं कोई परीक्षा आदि में बैठे हैं, तो सफल होंगे। पराक्रम द्वारा धन का लाभ भी मिलेगा। शेयर, सट्टा आदि में सावधानी रखना होगी।
वृषभ- लग्न या राशि वालों के लिए बाहरी संबंध बनेंगे। विदेश या स्वदेश में ही यात्राओं का योग बनता रहेगा साथ ही आवक के रास्ते खुलेंगे। वाणी का प्रभाव भी बढ़ेगा परंतु नौकरीपेशा व्यक्ति कार्य के प्रति सजग रहें।
मिथुन- लग्न या राशि वालों के गुरु का गोचरीय भ्रमण पंचम भाव में होने से आर्थिक लाभ के योग बनेंगे। राजकीय मामलों में, नौकरी हेतु आवेदन में, प्रमोशन में सफलता पाएँगे। प्रभाव में वृद्धि होगी। धर्म के प्रति थोड़ी अरुचि रहेगी।
कर्क- लग्न या राशि वालों के लिए गुरु का गोचरीय भ्रमण चतुर्थ भाव में होने से राज्य पक्ष की स्थिति मजबूत होगी। नवीन कार्ययोजना बनेगी, पिता से लाभ होगा। खानपान की गड़बड़ी से पेट भी खराब हो सकता है। बाहर गाँव की यात्रा होगी।
सिंह- लग्न या राशि वालों के लिए धर्म-कर्म में आस्था बढ़ेगी। प्रभाव बढ़ेगा, राजकीय कार्य होंगे। भाग्य साथ देगा, साथ ही अकस्मात लाभ होने की भी संभावना है। पत्नी पक्ष से थोड़ी चिन्ता रह सकती है। संतान आदि से लाभ होगा।
कन्या- लग्न या राशि वालों के लिए मिले-जुले परिणाम रहेंगे। न शुभ न अशुभ, स्वास्थ्य आदि ठीक रहेगा। मामा पक्ष पर खर्च होगा व आर्थिक सावधानी बरतना होगी। शत्रु वर्ग पर अपनी नीति से लाभ पाएँगे।
तुला- लग्न या राशि वालों के लिए दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहितों के विवाह की संभावना बढ़ जाएगी। दैनिक व्यापार-व्यवसाय में सफलता मिलेगी। संतान पक्ष से मिली-जुली स्थिति रहेगी। विद्यार्थी वर्ग पढ़ाई में ध्यान देकर चलें, भाग्य साथ देगा।
वृश्चिक- लग्न या राशि वालों के लिए कोर्ट कचहरी में जीत होगी। शत्रु प्रभावहीन होंगे। संतान आदि के मामले में खर्च होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा परंतु मातृपक्ष में थोड़ी चिन्ता रहेगी। मकान-भूमि से संबंधित मामलों में सावधानी बरतें।
मकर- लग्न या राशि वालों के लिए जनता से संबंधित, मकान-भूमि से संबंधित, माता पक्ष से लाभ पाएँगे। कुटुंब से थोड़ी चिन्ता रह सकती है। शत्रु पक्ष से बचकर चलें। खर्च अधिक रहेगा और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा।
कुंभ- लग्न या राशि वालों के लिए पराक्रम में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा व संचार माध्यम से शुभ समाचार भी मिलेगा। संतान पक्ष से सहयोग पाएँगे। स्वयं के मामलों में सावधानी बरतना होगी।
मीन- लग्न या राशि वालों के लिए कुटुंब से, वाणी से लाभ पाएँगे व बचत के भी योग बनेंगे। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। माता से थोड़ा लाभ, जनता के कार्य में सफलता मिलेगी। बाहरी मामलों में मिली-जुली स्थिति रहेगी। गुरु का गोचरीय प्रभाव अधिक या कम गुरु की जन्म लग्न में स्थिति व दशा, अंतरदशा पर अधिक निर्भर करता है।
फिर भी कुछ न कुछ परिणाम उपरोक्तानुसार मिलेंगे। गुरु का अशुभ परिणाम हो तो चने की दाल, पीला वस्त्र दान करें। पुखराज पहनें या कोई भी एक पीला कपड़ा पास रखें।