कहते हैं कि जगन्नाथ मंदिर और उससे जुड़े धार्मिक स्थल के यहां घट रही शुभाशुभ घटनाओं से देश में आने वाले समय में शुभ या अशुभ घटनाओं के संकेत मिलते हैं। 14 अप्रैल 2025 को एक चील रहस्यमय तरीके से जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर लहराता पवित्र ध्वज उठा ले गई और आसमान में समुद्र की ओर उड़ गया। इसके बाद 22 अप्रैल 2025 को भारतीय कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई। हाल ही में अहमदाबाद जो विमान हादसा हुआ उसका कनेक्शन में लोग जगन्नाथ मंदिर से जोड़कर देखा जाता है। जगन्नाथ धाम से जो भी संकेत मिलते हैं उसका प्रभाव देश और दुनिया पर पड़ता है।
जगन्नाथ मंदिर से जुड़े संकेतों का उल्लेख पंच सखाओं की मालिका पुस्तक से मिलता है। इसमें भी अच्युतानंद दास की भविष्य मालिका में बताया गया है कि जब मंदिर में रक्त गिरेगा, ध्वज खंडित होगा, गुंबद से पत्थर गिरेंगे तब समझना की कलयुग का अंत होने वाला है इसके पहले महायुद्ध होगा और करोड़ों लोग मारे जाएंगे। इसके बाद 1000 वर्षों तक शांति रहेगी।
1. संत अच्युतानंद महाराज की गादी के पास आग:
जहां तक अहमदाबाद प्लेन हादसे का संबंध है तो सोशल मीडिया पर यह बताया जा रहा है कि हाल ही में संत अच्युतानंद महाराज की गादी के पास आग लग गई थी। इस हादसे को लोगों ने अशुभ संकेत माना। 600 साल से यहां इस तरह की घटना कभी नहीं घटी। यहां पर संत अच्युतानंद महाराज की समाधि और गादी स्थापित है। यहां एक कार्यक्रम के दौरान टेंट में आग लग गई। लोगों ने तुरंत ही उस आग पर काबू पाया अन्यथा गादी को नुकसान होता।
2. पक्षियों का झुंड देखना:
कुछ दिनों पूर्व जगन्नाथ मंदिर के उत्तर के द्वारा पर अचानक से पक्षियों का झुंड देखना अजीब घटना थी। इसके साथ ही जगन्नाथ मंदिर के उत्तर के द्वार में बड़ी संख्या में पक्षियों को देखा गया जबकि आमतौर पर वहां कभी पक्षी नहीं आते हैं। इसे भी नकारात्मक संकेत माना गया।