प्लेनेट बनाते हैं सीजन 'हॉट'

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- भारती पंडित

गर्मी तो सभी के लिए एक सी होती है मगर आपने देखा होगा के किसी को उसी टेम्परेचर पर गर्मी कम लगती है तो कोई गर्मी के कारण हाय-हाय करने लगते हैं। गर्मी सहने की क्षमता को बताने में प्लेनेट्स का बड़ा हाथ होता हैं।

एस्ट्रो में राशियों को जल, अग्नि, वायु और पृथ्वी तत्वों में बाँटा गया है। जो राशियाँ अग्नि तत्व की है उनसे प्रभावित लोगों को गर्मी अधिक लगती है। अग्नि तत्त्व की राशियाँ मेष, सिंह और धनु है। इसके अलावा कुछ ग्रहों को गर्म प्रकृत्ति का माना जाता है। जैसे सन, मार्स, मरकरी, शनि और राहू। जब लग्न पर इन ग्रहों का प्रभाव होता है तो भी उन लोगों को गर्मी अधिक लगती है।

यदि गर्म ग्रह की राशि है मगर लग्न में ठंडा ग्रह (शुक्र, चन्द्र, गुरु, केतु) बैठा हो या लग्न को देखता हो तो गर्मी कम लगती है। इसी तरह ठंडे ग्रह का लग्न है और गर्म ग्रह लग्न में है तो गर्मी सामान्य ही रहेगी।

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यदि ठंडे ग्रह का लग्न है और ठंडा ग्रह ही लग्न में बैठा है या लग्न को देख रहा है तो गर्मी न के बराबर होगी। अर्थात इनके शरीर की तासीर ठंडी होगी और इन्हें गरमी में भी जुकाम की शिकायत हो सकती है।

गर्म ग्रह के लग्न वाले लोगों को गरमी में विशेष सावधानी रखनी चाहिए नहीं तो चक्कर आना, नकसीर फूटना, जी घबराना, उल्टी-दस्त जैसी तकलीफ हो सकती है।

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