वास्‍तु के संग, रंगों की भूमिका हमारे जीवन में

सुरेश एस डुग्गर

गुरुवार, 6 मार्च 2025 (15:47 IST)
Remedial Vastu: वास्तु शास्त्र में रंगों का बहुत महत्व है। कभी-कभी, हम सभी बिना किसी कारण के उदास महसूस करते हैं। हमारा पसंदीदा भोजन पहले जैसा स्वादिष्ट नहीं रह जाता और हमारे पसंदीदा शौक हमें परेशान करते हैं। हम इसे बुरे दिन या सिर्फ परिस्थितियों या तनाव के कारण मान सकते हैं, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता।
 
वास्तु शास्त्र में रंगों के महत्व पर शोध के दौरान, रेमेडियल वास्तु ने पाया कि हमारे आस-पास के रंगों में हमारा दिन बनाने या बिगाड़ने की शक्ति होती है। वे हमारे मन की स्थिति को बदल सकते हैं; डर से आत्मविश्वास और भ्रम से जागृति तक। हमारे द्वारा चुने गए प्रत्येक रंग की अपनी अनूठी प्रकृति होती है, जिसका हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
 
रंगों की भूमिका हमारे जीवन में अहम है। ये रंगों का ही प्रभाव है जो हमें ताकतवर बनाकर हमें बौद्धिक चेतना से भर देता है और सांत्वना का बोध जगाता है। लेकिन ये सब चीज़ें अलग-अलग रंगों से मिलती है। उदाहरण के लिए- हरा, नीला और नीले रंग का शेड लिए हरे रंग में मन को जागृत करने की क्षमता होती है। इन रंगों से हममें शक्ति का संचार होता है। यह रंग पॉज़िटिव सोच के साथ-साथ हमें रचनात्मकता से भर देते हैं। इनका प्रयोग उत्तर-पूर्व दिशा के पूर्वी भाग में किया जाए तो यह मन और आत्मा को तरोताज़ा रखते हैं। इसलिए स्कूल और ऑफिस में इन रंगों का इस्तेमाल वास्तुशास्त्र के अनुकूल है।
 
हीलिंग कलर्स में ताज़गी देने वाला और तरोताज़ा करने वाला स्वभाव होता है। इस पैलेट में हरे और गर्म मिट्टी के रंग शामिल हैं। इन रंगों को घर के उत्तर-उत्तर-पूर्व क्षेत्र में लगाएं ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और दवाओं के हीलिंग गुण हों।
 
जब भी हम किसी व्यक्ति को बुद्धिमान मानते हैं या उसे बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में चिन्हित करते हैं, तो वह व्यक्ति अनोखे तेज से दमकता हुआ और तीक्ष्ण निगाह वाला होता है। यह प्रभाव घर में ग्रे रंग से आता है। जो बिना रौब जमाए हमें इज़्ज़त व सम्मान दिलाता है। ग्रे रंग सौम्य और ख़ुशहाली का रंग भी है। दक्षिण-पश्चिम की पश्चिम दिशा में ग्रे रंग का इस्तेमाल क्रिएटिविटी और ज्ञान को बढ़ाता है, इसलिए क्रिएटिव स्टडीज़, आर्ट गैलरी और लाइब्रेरीज़ आदि में इस रंग का प्रयोग करना उचित है।
 
जो रंग तीक्ष्ण बुद्धि और विशिष्टता विकसित करने में मदद करते हैं, उन्हें बौद्धिक रंग माना जाता है। घर में नीले, लाल और भूरे रंग के कुछ शेड्स का इस्तेमाल मनचाहा बौद्धिक प्रभाव पाने के लिए किया जा सकता है। घर में पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र (शिक्षा और बचत) में लगाने पर ये रचनात्मकता और ज्ञान के अभ्यास को बढ़ाते हैं। ये रंग स्वाभाविक रूप से सम्मान भी दिलाते हैं। पुस्तकालयों और कला दीर्घाओं को उनकी विशिष्टता में सुधार करने और सही बुद्धि को आकर्षित करने के लिए इन रंगों के पैलेट से रंगा जा सकता है।
 
लाल जुनून और वासना का रंग है और इसे सबसे रोमांटिक रंग माना जाता है। यह एक जोड़े के रिश्ते में चिंगारी पैदा करता है, जब इसे उनके उत्तर-उत्तर-पश्चिम बेडरूम में कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है, लाल रंग का कम तीव्र और नरम स्वर रोमांस के लिए अधिक अनुकूल होता है। जब आपके घर के दक्षिण-दक्षिण-पूर्व ज़ोन में स्थित बेडरूम में इस्तेमाल किया जाता है। नारंगी, बैंगनी और गुलाबी रंग के कुछ कम तीव्र शेड भी रोमांटिक रंग हैं, जो शुद्धता और मासूमियत को दर्शाते हैं।
 
रंगों की इसी सूची में लाल कलर के कुछ शेडस भी शामिल हैं। लाल रंग सेक्स और वासना का रंग भी माना जाता है और इसे सभी रंगों में सबसे अधिक रोमांटिक रंग भी कहा गया है। यदि उत्तर-पश्चिम के उत्तर भाग में स्थित बेडरूम में लाल रंग का थोड़ा सा इस्तेमाल किया जाए, तो यह कपल के रिश्तों को मज़बूत करने में मददगार साबित हो सकता है। गुलाबी, बैंगनी और ऑरेंज रंग के हल्के शेडस भी रोमांटिक रंगों की श्रेणी में आते हैं।
 
हरा और पीला रंग शांति और खुशहाली की भावना लाता है। जब हरा रंग पूर्व में और पीला रंग दक्षिण-पश्चिम वास्तु क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है, तो वे परिवार और दोस्तों के बीच दिलचस्प और खुली बातचीत को बढ़ावा देते हैं। वे अकेलेपन और अवसाद को दूर करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं।
 
हरा, नीला और नीला-हरा रंगों में मस्तिष्क को उत्तेजित करने और सकारात्मकता और रचनात्मक सोच को प्रेरित करने वाली ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करने की क्षमता होती है। जब पूर्व-उत्तर-पूर्व वास्तु क्षेत्र में उपयोग किया जाता है, तो ऐसे रंग मन और आत्मा को तरोताजा कर देते हैं। ये रंग सकारात्मकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और व्यवसायों के लिए बहुत अच्छे हैं।
 
वो रंग जो तन और मन को तरोताज़ा और खुश रखते हैं, उन रंगों में उन तत्वों के ऐसे शेडस होते हैं जो हमारे क़रीब होते हैं। इस समूह में सबसे पहला रंग, हरा रंग है। इसके बाद मिट्टी जैसे रंग के शेडस आते हैं। जब इन रंगों का इस्तेमाल उत्तर-पूर्व दिशा के उत्तर में किया जाता है, तो ये रंग बीमारियों से बचाकर हमें स्वस्थ रखते हैं।
वहीं रंगों में ब्लू कलर और उसके शेडस हममें आत्मविश्वास पैदा करते हैं।

यह करियर में बेहद रचनात्मक भूमिका निभाते हैं, विशेषकर जब इनका प्रयोग पश्चिम दिशा में किया जाए। रंगों की एनर्जी का उपयोग आसान है, लेकिन रंगों के आपसी रिश्तों को समझना भी ज़रूरी है। रंग आपस में किस तरह रिएक्ट करते हैं और कब पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी देने लगते हैं।

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