मंगल का वृश्चिक में गृहप्रवेश

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मंगल अपनी सौम्य राशि (जलतत्व) वृश्चिक में पूरे एक माह 11 दिन रहेगा। 9 नवंबर को सुबह 9.30 पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल का शनि ने साथ छोड़ा तो राहु ने पकड़ लिया है। लेकिन मंगल का प्रभाव अनुकूल ही रहेगा। आइए जानते हैं किस राशि पर मंगल का कैसा प्रभाव पड़ेगा।

- मेष राशि व लग्न वालों के लिए मंगल अष्टम में स्वराशि का होगा। इस राशि वालों को काफी परिश्रम के बाद सफलता का अहसास होगा। इन्हें आग, विस्फोटक सामग्री से सावधानी रखना होगी।

- वृषभ राशि व लग्न वालों के लिए मंगल सप्तमेश होगा जो अपने जीवन साथी के लिए लाभदायक रहेगा। स्वास्थ्य में सुधार, दैनिक व्यवसाय में सफलता मिलेगी।

- मिथुन राशि व लग्न वालों के लिए षष्ट भाव से भ्रमण करेगा। शत्रुभय दूर होगा, स्वास्थ्य ठीक रहेगा, कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी।

- कर्क राशि व लग्न वालों के लिए मंगल पंचमेश होने से संतान लाभ, विद्या लाभ, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी।

- सिंह राशि व लग्न वालों के लिए मंगल चतुर्थ भाव माता, भूमि-भवन, जनता से संबंधित कार्यों में सफलता देगा। जमीन जायदाद के कार्यों में सफलता मिलेगी।

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- कन्या लग्न व राशि वालों के लिए तृतीय पराक्रम, भाई, संचार, शत्रु भाव से भ्रमण करने से इनसे संबंधित मामलों में सफलता मिलेगी।

- तुला राशि व लग्न वालों के लिए द्वितीय भाव से मंगल का भ्रमण होने से वाणी का प्रभाव बढ़ेगा, धन की बचत होगी, कुटुंब का सहयोग मिलेगा।

- वृश्चिक लग्न व राशि वालों के लिए लग्न से ही भ्रमण करने से साहस बल में वृद्धि होगी। प्रभाव बढ़ेगा, बिगड़े कार्य बनेगे।

- धनु राशि व लग्न वालों के लिए मंगल द्वादश भाव से भ्रमण करेगा। बाहरी संबंधों में सुधार, विदेश की यात्रा या जन्म स्थान से दूर की यात्रा संभव है।

- मकर लग्न व राशि वालों के लिए मंगल एकादश आय भाव से भ्रमण करने से आय के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। मंगल जलतत्व में होने से उसका नरम प्रभाव रहेगा।

- कुंभ राशि व लग्न वालों के लिए दशम भाव से भ्रमण करने से राज्य पक्ष मजबूत होगा, पिता से लाभ, व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि, नौकरी पेशा लाभान्वित होंगे।

- मीन राशि व लग्न वालों के लिए मंगल भाग्य भाव से भ्रमण करने से भाग्य के क्षेत्र में सफलता, कुछ महत्वपूर्ण कार्य में सफलता मिलेगी।

श्रेष्ठ फल मंगल की दशा अर्न्तदशा में या मित्र की महादशा या अर्न्तदशा में ज्यादा मिलता है और यदि जन्म के समय मंगल वृश्चिक में हो तो सोने पे सुहागा वाली कहावत होगी।

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