कार्तिक अमावस्या में प्रदोष काल एवं अर्धरात्रि व्यापिनी हो तो दीपावली का दिन विशेष प्रशस्त माना गया है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या 23 अक्टूबर, गुरुवार को अमावस्या रात्रि 27.27.21 तक है।
इस बार दीपावली योग विषकुंभ व करण चतुष्पाद पर है। जो व्यापारीगण सुबह अपने प्रतिष्ठान में पूजन-अर्चन करते हैं उनके लिए शुभ का चौघड़िया सुबह 6.28.00 से 8.30 तक होने से उत्तम समय है।
शुभ का चौघड़िया : सुबह 6.28.00 से 8.30 तक
चर का चौघड़िया : 11.18 से दोपहर 1.42 तक (चर में लक्ष्मीपूजन नहीं करना चाहिए।)
लाभ का चौघड़िया : दोपहर 1.42 से 3.06 तक
अमृत का चौघड़िया : दोपहर 3.06 से 4.30 तक पूजन अत्यंत शुभ है।
उपरोक्त चौघड़िया भारतीय समयानुसार है।
घर पर पूजन का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त
घर पर पूजन शाम 5.49 से 7.41 तक शुभ चौघड़िया-मेष लग्न में कर सकते हैं।
जो स्थिर नवांश में पूजन करना चाहते हैं उनके लिए समय 5.49 से 5.52 तक वृषभ नवांश है।
शाम 6.16 से 6.26 तक मेष लग्न सिंह नवांश है।
शाम 6.50 से 7.00 तक मेष लग्न वृश्चिक नवांश में पूजन कर सकते हैं।
शाम 7.15 से वृषभ लग्न है फिर 7.28 से 7.37 तक वृषभ लग्न कुंभ नवांश है।
महानिशिथकाल 9.58 से लगेगा व मध्यरात्रि बाद 24.22 पर समाप्त होगा। इस समयावधि में तांत्रिक, मंत्र साधना सफल होती है।