ग्रंथों में कहा गया है कि सोमवार को अमावस्या बड़े भाग्य से ही आती है। पांडव पूरे जीवन तरसते रहे, परंतु उनके संपूर्ण जीवन में सोमवती अमावस्या नहीं आई। इस दिन को नदियों, तीर्थों में स्नान, गोदान, अन्न दान, ब्राह्मण भोजन, वस्त्र आदि दान के लिए विशेष माना जाता है।