बताया जा रहा है कि संत अच्युतानंद दास ने अपनी योग शक्ति के बल पर भविष्य मालिका को लिखा था। कहते हैं कि मालिका नाम से 21 लाख किताबें हैं। ये ग्रंथ ओडिशा में जगन्नाथ पुरी के मठों, मंदिरों और महंतों के पास अलग-अलग रखे हुए हैं, लेकिन अच्युतानंद दास ने 318 पुस्तकें भविष्य के विषय पर लिखी है। इन पुस्तकों को अच्युतानंद मलिका के नाम से जाना जाता है। हालांकि उनके नाम पर कई लोग अब झूठी भविष्वाणियां भी प्रचारित कर रहे हैं, जो कि भविष्य मालिका में लिखी ही नहीं हैं। भविष्य मालिका के अनुसार धरती 3 चरणों से गुजर रही है। पहला कलयुग का अंत होगा, दूसरा महाविनाश होगा और तीसरा आएगा एक नया युग।
1. किसान खेती का काम बंद कर देंगे और जंगली जानवर गांव और शहर पर हमला करना शुरू कर देंगे।
2. बदल जाएगी धरती की धुरी। इसके बाद कई भूंकप आएंगे।
3. आसमान में दो सूर्य निकलने का आभास होगा। यह आसमानी पिंड होगा, जो बंगाल की खाड़ी में गिरेगा और ओडिशा जलमग्न हो जाएगा।
4. समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा और जगन्नाथ मंदिर की 22वीं सीढी तक पानी आ जाएगा। तब भगवान के विग्रह को उनके भक्त छातियाबटा ले जाएंगे।
5. धरती पर हो रहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण धरती पर 7 दिनों तक अंधेरा रहेगा। कहा जा रहा है कि यह घटना 2022 से 2029 के बीच होगी।
6. एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर होगा महायुद्ध। तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी।
7. तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 माह तक चलेगा। चीन 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत पर हमला कर देगा। आखिरी के 13 माह भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्व गुरु भी बन जाएगा।
8. भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा।
9. उस वक्त ओडिशा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा। इसी दौरान भगवान कल्कि प्रकट होंगे, जो युद्ध में भारत का साथ देंगे।
10. अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। चीन के कई टुकड़े हो जाएंगे। पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लड़ने वाली शक्ति कमजोर और दयनीय हो जाएगी। रूस एक हिन्दू देश बन जाएगा। योरप युद्ध लड़ने लायक नहीं रहेगा। वहां की जनसंख्या न के बराबर होगी।
11. योरप की लगभग सभी आबादी नष्ट हो जाएगी। अंत में रूस सफलता प्राप्त करेगा। विजयी रूस को आगामी अवतार वश में करेगा।
12. लोग कीट-पंतंगों की तरह मरेंगे और विश्व की जनसंख्या 64 करोड़ ही रह जाएगी। चीन तबाह हो जाएगा। रूस हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा।
13. भविष्य मालिका के अनुसार 2025 के बाद का समय एक विभिषिका के समान होगा। वहीं लोग बचेंगे तो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे।
14. भारत के संदर्भ में कन्नड़ में लिखी भविष्वाणी के अनुवाद में यह कहा जाता है कि 6 और 7 का जोड़ 13 होता है और इसी में 13 और मिलाने से 26 अंक आता है। इसी 26 अंक के माध्यम से अच्युतानंद दास ने भारत पर होने वाले हमले के बारे में भविष्वाणी की है। शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे। साल 2024 में शनि कुंभ से निकलकर मीन राशि में जाने वाले हैं।
Third world war
15. शनि के मीन में जाने से वह वहां ढाई वर्ष तक रहेगा। भविष्यवाणी के अनुसार एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा।
16. जगन्नाथपुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण होगा। ओड़ीसा का अंतिम राजा एक बालक वृद्ध होगा। यानी बालबुद्धि होगा। भगवान जगन्नाथ के धाम पुरी मंदिर के उपर से पत्थर नीचे गिरेंगे और मंदिर का ध्वज कई बार गिरेगा। इस दौरान प्राकृतिक आपदा के चलते भारतवर्ष में नीलंचल (जगन्नाथपुरी) समुद्र के गर्भ में विलीन हो जाएगा।
17. बुजुर्गों और शिक्षकों को निरादर होगा वहीं पाखंडी लोग धर्मगुरु बनकर लोगों को छलेंगे। भविष्य में लोगों के मन में धर्म, संवेनदनशीलता, प्रेम और संस्कार खत्म हो जाएंगे। नेक और धार्मिक भक्तों का मजाक उड़ाया जाएगा।
18. धीरे-धीरे आस्तिकों की संख्या घटेगी और यह दुनिया आस्तिकों और नास्तिकों के बीच विभाजित हो जाएगी। इंसान व्यभिचारी हो जाएंगे। पुरुष का पुरुष से और महिला का महिला से अप्राकृतिक संबंध बनेगा।
19. इंसान के घर पर जानवरों का हमला होगा। आए दिन इंसान और जानवरों में भिड़ंत होते हुए देखेंगे। शहरों में जंगली जानवर घूमते रहेंगे।
20. प्राकृति आपदाएं तबाही मचाएगी, विचित्र महामारी और बीमारियां से जनता त्रस्त रहेगी। हवाएं लोगों को बहुत परेशान करेगी।....महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि जनता सड़पर आंदोलन करेंगे।
21. कलयुग के अंत के समय जीवन देने वाला सूर्य जीवन लेने वाला बन जाएगा। महागुप्त पद्म कल्प के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपने हाथ में 12 हाथ की खड़ग लेकर पूरी धरती पर भ्रमण करके समस्त मलेच्छ लोगों को संहार करेंगे। जब सभी का संहार हो जाएगा तभी कलियुग का अंत हो जाएगा। भगवान कल्कि संभल ग्राम में होगा। संभल ग्राम उत्तर प्रदेश में भी है और उड़िसा में ही है। कल्कि भगवान का नाम चक्रमणी या चक्रधर होगा। उनके पिता के नाम विष्णुशर्मा होगा।
22. महाभारत के युद्ध को लेकर भी उनकी भविष्वाणी वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि महाभारत के युद्ध के समय कई लोग किसी कारणवश इस युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। वे सभी योद्धा युद्ध लड़ना चाहते है और अब उनकी यह इच्छा कलयुग के अंत में पुरी होगी जबकि कल्कि अवतार का जन्म होगा। भगवान बलराम भी युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। बलरामजी को ही जगन्नाथपुरी में बलबद्र के नाम से जाना जाता है। कलयुग के अंत में बलरामजी प्रकट होंगे। और कलयुग के अंत में महाभारत का अधुरा युद्ध फिर से लड़ा जाएगा।
23. इसके बाद 1,000 साल तक शांति का युग बना रहेगा।
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