Akhand Samrajya Yoga: अखंड साम्राज्य योग क्या होता है, मां लक्ष्मी की कृपा से बदल जाता है भाग्य

WD Feature Desk

मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 (18:02 IST)
Akhand Samrajya Yoga
Akhand Samrajya Yoga: ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई शुभ और अशुभ योग होते हैं। जैसे लक्ष्मी नारायण योग, धन योग, शश योग, मालव्य योग, हंस योग, बुधादित्य योग, शुक्रादित्य योग, पंच महायोग, विपरीत राजयोग, नीचभंग राजयोग आदि। इसी तरह अखंड साम्राज्य योग भी होता है। आओ जानते हैं कि यह कुंडली में कैसे बनता है और क्या फल होता है इसका।
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कुंडली में कैसे बनता है अखंड साम्राज्य योग?
अखंड साम्राज्य योग के लाभ क्या हैं?
1. यह योग जिस भी जातक की कुंडली में होता है उसे जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है।
2. जातक को अपने पिता के पक्ष की ओर से संपत्ति मिलती है जिसका वह अकेला मालिक होता है।
3. ऐसा जातक हर तरह के कार्यक्षेत्र में सफलता अर्जित करता है।
4. इस योग के कारण जातक सभी तरह की सुख सुविधाओं में रहता हैं।
5. यदि यह योग दूसरे भाव में बना है तो जातक स्टॉक एक्सचेंज, शेयर बाजार और निवेश से लाभ कमाता है।
6. यदि यह योग पांचवें भाव में बना है तो जातक उच्च शिक्षा और संतान सुख प्राप्त करता है।
7. यदि यह योग ग्यारहवें भाव में बना है तो जातक को उपक्रमों में सफलता मिलती है।
8. यदि यह योग नौवें भाव में बना है तो जातक को आध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त होती है।
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