वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखातीज कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार 'अक्षय' का अर्थ होता है- जिसका कि क्षय नहीं हो अर्थात जिसका फल नष्ट न हो। अक्षय तृतीया पर किए जाने वाले कार्य व दान-पुण्य व्यर्थ नहीं जाते। अत: हमें किसी भी शुभ काम के लिए यही दिन चुनना चाहिए। यह अति शुभ दिन सभी कार्यों का शुभ फल देता है।
वर्ष 2018 में यह तिथि 18 अप्रैल, बुधवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन विवाह करने वालों का सौभाग्य अखंड बना रहता है। अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य, विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, व्यापार आरंभ, मुंडन संस्कार आदि का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा व्यापार के लिए भी यह दिन विशेष रहेगा।
इस बार लगभग 11 साल बाद अक्षय तृतीया पर 24 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है अत: मांगलिक कार्यों के लिए यह समय बहुत खास रहेगा। 18 अप्रैल को तृतीया तिथि 4.47 बजे से शुरू होकर रात 3.03 बजे तक रहेगी। इसमें दिनभर खरीदारी अथवा कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है। सर्वार्थसिद्धि योग के महासंयोग में आने वाली अक्षय तृतीया अपार सुख-समृद्धि देने वाली होगी।