हस्तरेखा विशेषज्ञ कीरो ने की थी भारत के संबंध में यह अजीब भविष्यवाणी

अनिरुद्ध जोशी
शनिवार, 28 दिसंबर 2019 (15:08 IST)
प्रोफेसर कीरो ( cheiro): कीरो का जन्म नवंबर 1866 में इंग्लैंड के ब्रे नामक स्थान पर हुआ था। 17 वर्ष की उम्र में कीरो मुंबई आ पहुंचे और यहां ख्यात ज्योतिषी वेदनारायण जोशी से मिले और उनसे परामर्श करके वे हिमालय, कश्मीर, लद्दाख और वाराणसी गए तथा ज्योतिष शास्त्र का गहन अध्ययन किया। 3 वर्ष में वे ज्योतिष, तंत्र आदि का ज्ञान प्राप्त करके वापस लौटे।
 
 
* कीरो ने यह भविष्योक्ति मृत्यु के मुख में जा रहे युवराज एडवर्ड सप्तम के लिए की थी। कीरो ने उनको कहा था- '1 माह बाद अगस्त 1902 में आपका राज्याभिषेक होगा और मृत्यु तो 69 वर्ष की आयु तक नहीं होगी। आपको अब स्वस्थ होना ही पड़ेगा।' इतना आत्मविश्वास एवं यथार्थयुक्त उनका कथन था कि सुनने वाला तो दंग ही रह गया। कीरो की भविष्यवाणी के अनुसार ही एडवर्ड सप्तम मृत्यु मुख से वापस आकर स्वस्थ हुए और 69 वर्ष की आयु तक जीवित भी रहे।
 
 
* सन् 1931 में ही कीरो ने भविष्यवाणी की थी, 'इस दशक के अंत में एक विश्वयुद्ध होगा। इंग्लैंड भारत को स्वतंत्र कर देगा (युद्ध के बाद) किंतु हिन्दू एवं मुसलमानों के बीच इस शताब्दी का भीषणतम नरसंहार होगा। अमेरिका, जापान के साथ युद्ध करेगा जिसके भयंकर परिणाम होंगे।'
 
 
* 16 वर्ष पूर्व भारत की आजादी की बात बता दे, जब किसी को तनिक भी आशा या विश्वास नहीं था, कितना सही एवं नैपुण्यपूर्ण कार्य था। कीरो ने जेल अधिकारियों की अनुमति प्राप्त कर डॉ. मेयर की हस्तरेखाओं का अध्ययन करके बताया था कि हाई कोर्ट के तुरंत मृत्युदंड दिए जाने के आदेश के बावजूद तुम जिंदा बच जाओगे। तुम अभी 44 वर्ष के हो और तुम्हारी मौत तुमसे 15 वर्ष की दूरी पर है। 15 वर्ष बाद तुम अपनी शैया पर बीमारी से मरोगे। ऐसा ही हुआ। न्यायालय ने मृत्युदंड के आदेश में कानूनी त्रुटि पाकर मेयर का मृत्युदंड का आदेश रोक दिया।
 
 
*'लड़की की शादी पूर्व ओर के किसी देश के शासक से होगी, मगर इसकी आयु बहुत कम है' यह भविष्यवाणी कीरो ने श्रीमती लीटर के समक्ष उनकी पुत्री के हाथ की छाप का अध्ययन कर की थी। सचमुच में उस युवती का विवाह वायसराय लॉर्ड कर्जन के साथ हुआ किंतु उसकी शीघ्र मृत्यु भी हो गई।
 
 
* कीरो से ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने पूछा था कि भारत की आजादी का ऐसा कोई दिन बताइए जिस समय हम भारत को आजाद करें और वह समय भारत के लिए बुरा सिद्ध हो। प्रोफेसर कीरो ने रानी के अनुरोध के चलते अर्द्धरात्रि का वक्त बताया, लेकिन साथ ही कहा कि भारत को संसार की कोई ताकत रोक नहीं सकती। विशुद्ध धर्मावलंबी नीति का एक शक्तिशाली व्यक्ति सारे देश को जगा देगा। उसकी आध्यात्मिक शक्ति दुनियाभर की तमाम भौतिक शक्तियों से अधिक समर्थ होगी जिसका असर सारे संसार में पड़े बिना नहीं रह सकता। भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।
 
 
इसके कुछ दिन बाद कीरो अध्ययन कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। वे फिर महारानी एलिजाबेथ के पास गए और कहा कि आजादी के 50 वर्षों के अंदर अगर कोई महापुरुष भारत में खड़ा हो गया तो भारत को कभी कोई गुलाम बना ही नहीं सकेगा और अगर 50 सालों में कोई महापुरुष खड़ा न हुआ और भारत को किसी ने गुलाम बना लिया तो फिर इसे कोई आजाद करा ही नहीं सकेगा।
 
 
कीरो ने सन् 1925 में लिखी अपनी पुस्तक में भविष्यवाणी की है कि 20वीं सदी अर्थात सन् 2000 ई. के उत्तरार्द्ध में सन् 1950 के पश्चात उत्पन्न संत ही विश्व में 'एक नई सभ्यता' लाएगा, जो संपूर्ण विश्व में फैल जाएगी। भारत का वह एक व्यक्ति सारे संसार में ज्ञानक्रांति ला देगा।
 
 
कीरो अपनी भविष्यवाणी में लिखते हैं, 'भारत का सूर्य बलवान है एवं कुंभ राशि में है इसलिए भारत की प्रगति को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। यहीं पर एक चेतना पुरुष का जन्म होगा जिसकी आध्यात्मिक क्षमता, समस्त विश्व की भौतिक क्षमता से कई गुना ज्यादा होगी। वह गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करेगा। उसके अनुयायी हर धर्म, जाति व संप्रदाय के होंगे।'
 

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