इस बार ज्येष्ठ का पहला बड़ा मंगलवार 21 मई को आ रहा है। आज के दिन भगवान हनुमान जी जो कुछ भी मांगा जाए वह उसे अवश्य पूरा करते हैं। भगवान शिव के 11 वें अवतार हनुमान जी को अमर रहने का वरदान मिला था।
क्यों कहते हैं बड़ा मंगलवार : ज्येष्ठ मास के इस मंगलवार को हनुमान जी को अमरत्व का वरदान मिला था इसी कारण जेठ के मंगल को बड़ा मंगल और बूढ़वा मंगल कहते हैं।
उत्तर प्रदेश में ज्येष्ठ मास में आने वाले हर मंगलवार को बहुत ही शुभ माना जाता है उनमें भी पहले आने वाले मंगलवार को विशेष मान कर पूजा-अर्चना की जाती है। वैसे तो पूरे ज्येष्ठ मास में हनुमान मंदिर सजे रहते हैं और हर मंगलवार को जगह-जगह पर भंडारे लगते हैं पर बड़ा मंगलवार की बात खास है। यह दिन केवल एक ही धर्म का परिचायक नहीं है बल्कि सर्वधर्म एकता का प्रतीक है।
इतिहास यह भी माना जाता है : कुछ लोगों के अनुसार बड़ा मंगलवार की शुरुआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा एक बार गंभीर रूप से बीमार हो गया। उनकी बेगम रूबिया ने कई जगह उसका इलाज करवाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। लोगों ने उन्हें बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में मन्नत मांगने को कहा।
यहां मन्नत मांगने पर नवाब का बेटा स्वस्थ हो गया। इसके बाद नवाब की बेगम रूबिया ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। वहीं नवाब ने ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के दिनों में प्रत्येक मंगलवार को पूरे शहर में जगह-जगह गुड़ और पानी का वितरण करवाया और तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई।
हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां अवतार रूद्र माना जाता है जो अत्यंत बलवान हैं।
हनुमान जी को गुस्सा नहीं आता है इसलिए जो लोग बहुत ज्यादा गुस्सा करते हैं उन्हें हनुमान जी की उपासना करने को कहा जाता है।
हनुमान जी को बजरंग-बली इसलिए कहते हैं क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह मजबूत है।
धरती पर केवल 7 लोगों को अमरतत्व मिला हुआ है जिसमें से पवनपुत्र हनुमान जी एक हैं।
करें ये 5 उपाय
1. लाल फल बच्चों में बांटें
2. लाल परिधान छोटे बच्चों को दें, स्वयं भी खरीदें।
3. लाल अनाज लाल वस्त्र में दक्षिणा के साथ लपेटकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।