चंद्र ग्रहण क्यों लगता है?
धार्मिक मतों के अनुसार, राहु जब पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रसता है तो चांद कुछ समय के लिए छिप जाता है, इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। वहीं खगोलशास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण एक घगोलीय घटना है। जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है तो चंद्रमा उससे ढक जाता है, चंद्रमा तक सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है।
वर्ष 2020 में लगने वाले चंद्र ग्रहण
पहला चंद्र ग्रहण: 10-11 जनवरी
दूसरा चंद्र ग्रहण: 5-6 जून
तीसरा चंद्र ग्रहण: 4-5 जुलाई
चौथा चंद्र ग्रहण: 29-30 नवंबर
वर्ष 2020 में लगने वाले सूर्य ग्रहण
मान्यताएं : चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के समय भगवान का स्मरण करना चाहिए। इस दौरान भोजन करने, सोने, शुभ या नवीन कार्य करने, जल पीने, केश बनाने, मंजन करने, वस्त्र नीचोड़ने, संभोग करने आदि को वर्जित माना गया है। ग्रहण काल के समय चांद्र या सूर्य को देखना भी वर्जित माना गया है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय चंद्रमा या सूर्य को देखने से व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है।