मेष-वृश्चिक राशि वाले लाल चंदन या मूंगे की 108 दानों की माला से लाल ऊन का आसन बिछाकर लक्ष्मीजी का मंत्र जपें।
वृषभ-तुला राशि वाले स्फटिक की माला लें व सफेद ऊन का आसन बिछाकर जाप करें।
मिथुन-कन्या राशि वाले हरे मनकों की माला व हरे ऊन का आसन बिछाकर जप करें।
कर्क राशि वालों के लिए मोती की माला व सफेद ऊन का आसन बिछाकर जपें।
सिंह राशि वाले गुलाबी मनकों की माला व गुलाबी ऊन के आसन पर जाप करें।
धनु-मीन राशि वाले चंदन की माला व पीले ऊन के आसन को बिछाकर मंत्रों का जाप करें।
मकर-कुंभ राशि वाले यंत्र की पूजा करें तथा महानिशीथकाल में लक्ष्मी मंत्रों का जाप श्रेष्ठ रहेगा।
महानिशीथकाल में लक्ष्मीजी के तांत्रिक प्रयोग किए जाते हैं। इस समयावधि में लक्ष्मी मंत्रों का जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है। हम यहां पर कुछ चुने हुए मंत्र दे रहे हैं जिन्हें विधिपूर्वक जपने से लक्ष्मीजी की कृपा बनी रहती है।
महानिशीथकाल का समय 22.46 से लेकर मध्यरात्रि में 1.19 बजे तक है। इस समयावधि में अमृत व चंचल का चौघड़िया है।