Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024 : प्रतिवर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश जी का विधिपूर्वक पूजन और व्रत करने का विधान है। कैलेंडर के मतांतर के चलते इस बार 2 दिन चतुर्थी व्रत किए जाने की संभावना भी जताई गई थी। अत: 28 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जा रहा है।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी तिथि का प्रारंभ- 27 फरवरी 2024 को 05.23 पी एम से,
चतुर्थी तिथि का समापन- 29 फरवरी 2024 को 07.48 पी एम पर।
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त-03:59 ए एम से 04:46 ए एम
प्रातः सन्ध्या-04:23 ए एम से 05:33 ए एम
28 फरवरी को अभिजित मुहूर्त नहीं है।
विजय मुहूर्त-01:44 पी एम से 02:34 पी एम
गोधूलि मुहूर्त-05:49 पी एम से 06:13 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:50 पी एम से 07:00 पी एम
अमृत काल- 06:43 पी एम से 08:30 पी एम
निशिता मुहूर्त-11:18 पी एम से 29 फरवरी 12:05 ए एम तक।
28 फरवरी 2024, बुधवार : दिन का चौघड़िया
लाभ- 05.33 ए एम से 07.05 ए एम
अमृत- 07.05 ए एम से 08.37 ए एम
शुभ- 10.09 ए एम से 11.42 ए एम
चर- 02.46 पी एम से 04.18 पी एम
लाभ- 04.18 पी एम से 05.50 पी एम
रात्रि का चौघड़िया
शुभ- 07.18 पी एम से 08.46 पी एम
अमृत- 08.46 पी एम से 10.14 पी एम
चर- 10.14 पी एम से 11.42 पी एम
लाभ- 02.37 ए एम से 29 फरवरी 04.05 ए एम,
उद्वेग- 04.05 ए एम से 29 फरवरी 05.33 ए एम तक।
28 फरवरी को चन्द्रोदय का समय- 08:31 पी एम पर।
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