Ganga Dussehra 2022 : कहते हैं कि गंगा सप्तमी को गंगाजी भगवान की जटाओं में उतरी और गंगा दशहरा के दिन धरती पर। प्रतिवर्ष वैशाख माह में गंगा सप्तमी और ज्येष्ठ माह में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। आओ जानते हैं गंगा दशहरा के दिन के शुभ संयोग, मेला और नदी पूजा के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
शुभ 10 योग (ganga dussehra shubh Yog) : 9 जून को गंगा दशहरा के दिन ज्योष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, गुरुवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या का चंद्रमा, वृषभ का सूर्य रहेगा। यह कुल 10 योग हैं।
शुभ 4 महायोग (ganga dussehra mahasanyog) : गुरु-चंद्रमा की युति और मंगल के दृष्टि संबंध से गज केसरी और महालक्ष्मी योग, वृषभ राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य और सूर्य एवं चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवियोग रहेगा।
गंगा स्नान से 10 महापापों से मिलेगी मुक्ति : गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पापों (3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक) से मुक्ति मिलती है।
गंगा तट पर लगेगा मेला (ganga mela) : गंगा दशहरा पर हरिद्वार और प्रयाग सहित गंगा के मुख्य तटों पर स्नान पर्व के आयोजन के साथ ही मेला लगता है। कोविड के चलते पिछले 2 साल से मेला नहीं लगा था लेकिन इस बार भारी जन सैलाब उमड़ने की संभावना जताई जा रही है। स्कन्दपुराण में लिखा हुआ है कि, ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है इसमें स्नान और दान तो विशेष करके करें। किसी भी नदी पर जाकर अर्घ्य (पूजादिक) एवं तिलोदक (तीर्थ प्राप्ति निमित्तक तर्पण) अवश्य करें। ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूट जाता है।
गंगा नदी की पूजा (ganga nadi puja) : गंगा दशहरा के दिन ऋषिकेश, हरिद्वार और प्रयाग में गंगा नदी की विशेष पूजा के साथ ही आरती होती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। नदी के तट पर गंगा माता मंदिर में पूजा के साथ ही नदी पूजा भी होगी।
गंगा दशहरा पर स्नान मुहूर्त : नवमी तिथि सुबह 08:21 तक उसके बाद दशमी। स्नान का मुहूर्त 9 जून 2022, गुरुवार को सुबह 08:23 बजे से 10 जून, शुक्रवार को सुबह 07:27 बजे तक रहेगा। इस दौरान गंगा स्नान करना बहुत शुभ रहेगा। यदि ऐसा संभव न हो तो गंगाजल मिश्रित पानी से स्नान करें।