शुभ 10 योग (ganga dussehra shubh Yog) : 9 जून को गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, गुरुवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या का चंद्रमा, वृषभ का सूर्य रहेगा। यह कुल 10 योग हैं।
शुभ 4 महायोग (ganga dussehra mahasanyog) : गुरु-चंद्रमा की युति और मंगल के दृष्टि संबंध से गज केसरी और महालक्ष्मी योग, वृषभ राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य और सूर्य एवं चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवि योग रहेगा।
2. गंगाजल का छिड़काव : गंगा के जल को घर में सूर्य या चंद्रग्रहण के समय छिड़कने से ग्रहण का प्रभाव समाप्त हो जाता है। किसी भी मांगलिक अवसर पर घर, यज्ञ वेदी या किसी स्थान को शुद्ध करने के लिए गंगा जल का प्रयोग किया जाता है।
3. गंगाजल का सेवन : गंगा का पानी पीने से सभी तरह के रोग और शोक मिट जाते हैं। शिवजी की जटाओं से निकलने के कारण इसके जल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसका आचमन करना बहुत ही महत्व रखता है। इससे हृदय शुद्ध होता है। कहते हैं कि किसी के प्राण नहीं छूट रहे हैं और वह तड़प रहा है तो उसके मुंह में गंगा जल डालने से वह शांति से देह छोड़ देता है। इसीलिए इसे मोक्षदायिनी नदी भी कहा गया है।
5. दूसरे जल को शुद्ध करना : गंगा का जल किसी अन्य जल में डाल देने से वह जल भी शुद्ध होकर गंगा के समान हो जाता है, क्योंकि बैक्टीरियोफेज नामक जीवाणु गंगाजल में मौजूद रहता है, जो पानी को शुद्ध कर देते हैं।