Gopashtami 2021 आज गोपाष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। मान्यतानुसार गोपाष्टमी के दिन गाय का पूजन करके उनका संरक्षण करने से मनुष्य को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जिस घर में गौ पालन किया जाता है उस घर के लोग संस्कारी और सुखी होते हैं। इसके अलावा गौमाता ही जीवन-मरण से मोक्ष भी दिलाती है। मरने से पहले गाय की पूंछ छूते हैं ताकि जीवन में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाए।
12 नवंबर, शुक्रवार को सुबह 06.49 मिनट से शुरू होकर 13 नवंबर, शनिवार को सुबह 05.51 मिनट पर तिथि का समापन होगा।
3. गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:00 से 05:24 तक।
गोपाष्टमी पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार में इस दिन गौमाता को चारा, भोजन खिलाकर उनकी सेवा करने तथा गौमाता का पंचोपचार विधि से पूजन करने से जीवन में शुभता का संचार होकर हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन सुबह गौ दर्शन किए जाए तो समझ लें कि आज आपका दिन सुधर गया, क्योंकि गौ दर्शन के बाद और किसी के दर्शन की आवश्यकता नहीं रह जाती।