गुरु-राहु की युति यानी चांडाल योग : देश में परेशान होंगे लोग

* गुरु-राहु की युति से बना चांडाल योग


 

9 जनवरी से 9 मई तक गुरु वक्री रहेगा और 10 मई से 11 अगस्त तक गुरु सिंह में मार्गी होगा। लेकिन गुरु चांडाल योग 11 अगस्त तक रहेगा । जैसे ही गुरु कन्या में गोचर करेंगे चांडाल योग समाप्त हो जाएगा।  गुरु-राहु का साथ पूरे 7 माह तक रहेगा। जब से गुरु-राहु की युति से चांडाल योग बना है इसने पूरे देश में हलचल मचा रखी है। 

इस योग का प्रभाव : पढ़ें प्रत्यक्ष उदाहरण - 
जेएनयू मामला, जाट आंदोलन, देश में नेताओं का बड़बोलापन यह सब चाहडाल योग के ही दुष्प्रभाव हैं। पठानकोट का हमला, हरियाणा में जाटों ने उत्पात मचाया, वह सारा देश जानता है। इसके पहले कभी जाटों ने ऐसी हरकत कभी नहीं की।
 

यह सब क्या है? जब गुरु ने राहु का दंश झेला तब से ज्ञानी भी अज्ञानियों जैसी हरकत करने लग गए। 
 
 

 


राहु ज्ञान को हर लेता है तभी ऐसी घटनाओं को जन्म देता है। ग्रह कभी भी अपना असर नहीं छोड़ते। किसी ना किसी रूप में हमें  इनका असर देखने को मिलता ही है।  


 
चांडाल योग के साथ शनि-मंगल की युति भी 21 फरवरी से चल रही है जो 17 जून तक रहेगी। यह स्थिति भी देश के लिए शुभ नहीं है। घटना-दुर्घटना के योग से जानमाल की हानि होती है। पहले ऐसी स्थिति होने पर यज्ञ हुआ करते थे, लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई है। लगभग कोई भी ग्रहों की सत्ता को नहीं मानता।  

इन्हीं अशुभ ग्रहों की युति में सिंहस्थ महाकुंभ भी उज्जैन में होने जा रहा है, अतः शासन को अतिरिक्त सावधानी रखना होगी।


 

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