इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 25 मई 2023 गुरुवार को गुरु पुष्य का योग बनेगा। पुष्य नक्षत्र शुभ माना जाता है, लेकिन इस शुभ समय में भी क्यों नहीं होती है शादियां? क्या है इसके पीछे का कारण?
पुष्य नक्षत्र में ये कार्य नहीं करना चाहिए ( Guru Pushya Nakshatra 2023 ) :
विवाह के लिए वर्जित है पुष्य नक्षत्र : विदवानों का मानना है कि इस दिन विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि पुष्य नक्षत्र को ब्रह्माजी का श्राप मिला हुआ है, इसलिए यह नक्षत्र विवाह हेतु वर्जित माना गया है। इसके साथ ही 'पूर्वा फाल्गुनी' नक्षत्र भी विवाह हेतु उचित नहीं है।
कथा के अनुसार ब्रह्माजी ने अपनी पुत्री शारदा का विवाह गुरु पुष्य के साथ करने का प्रण किया। परंतु ब्रह्माजी स्वयं ही आसक्त हो गए और उन्होंने गुरु पुष्य को शाप देकर विवाह के लिए परित्यक्त कर दिया।
उत्पातकारी : बुधवार और शुक्रवार के दिन पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र उत्पातकारी भी माने गए हैं। अत: इस दिन कोई भी शुभ या मंगल कार्य ना करें और ना ही कोई वस्तु या वाहन खरीदें।
नए आभूषण : मुहूर्त चिंतामणि नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ के श्लोक 10 के अनुसार, पुष्य, पुनर्वसु और रोहिणी इन तीन नक्षत्रों में सधवा स्त्री नए स्वर्ण आभूषण और नए वस्त्र धारण नहीं करें, ऐसा लिखा है। मतलब यह कि इस दिन संभवत: स्वर्ण तो खरीदा जा सकता है लेकिन पहना नहीं जा सकता?
गुरु पुष्य नक्षत्र में स्टील नहीं खरीदें।
गुरु पुष्य नक्षत्र में प्लास्टिक नहीं खरीदें।
गुरु पुष्य नक्षत्र में में अगर पात्र खरीद रहे हैं तो उसे घर में खाली न लेकर आएं।
गुरु पुष्य नक्षत्र में गहना खरीदें तो पहले भगवान को चढ़ाएं, सीधे खुद न पहनें।
गुरु पुष्य नक्षत्र में पीले वस्त्र खरीदें काले या धूसर रंग के कपड़े न खरीदें।
गुरु पुष्य योग पूजा और खरीदी के मुहूर्त : 25 मई 2023
अभिजीत मुहूर्त : दिन में 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से 3 बजकर 31 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त : शाम 7 बजकर 9 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक
अमृत काल मुहूर्त : सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक