यदि किसी कारणवश आप श्री बजरंग बाण का नित्य पाठ करने में असमर्थ हो तो प्रत्येक मंगलवार को यह पाठ अवश्य पढ़ना चाहिए। अपने किसी भी इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार का दिन चुन लें। हनुमान जयंती के दिन इस पाठ को पढ़ना अतिलाभदायी है।
विधि- हनुमान जी का एक चित्र या मूर्ति जप करते समय सामने रख लें। ऊन अथवा कुशासन बैठने के लिए प्रयोग करें। इस पाठ को करने के लिए शुद्ध स्थान तथा शांत वातावरण आवश्यक है। अत: ऐसी जगह का चुनाव करके श्री बजरंग बाण का चमत्कारी पाठ पढ़ें। इस पाठ से जीवन दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और शारीरिक कष्ट सभी का नाश हो जाता है और जीवन में शुभता का संचारण होता है। यहां पढ़ें श्री बजरंग बाण का चमत्कारी पाठ-
बजरंग बाण ध्यान
श्रीराम अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं।
दनुज वन कृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।
चौपाई
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।।
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा।।
बाग उजारि सिन्धु मंह बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा।।
अक्षय कुमार को मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।।
लाह समान लंक जरि गई। जै जै धुनि सुर पुर में भई।।
अब विलंब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु प्रभु अन्तर्यामी।।
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होई दुख करहु निपाता।।