इस बार हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) 28 जुलाई 2022, दिन गुरुवार को है। यह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ती है। इसे हरियाली और श्रावणी अमावस्या के रूप में जाना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन प्लांटेशन करना अतिशुभ माना जाता है।
पेड़-पौधे हमारी आस्था के साथ ही हमारे जीवन शक्ति से भी जुड़े हुए हैं। मान्यतानुसार अलग-अलग पेड़-पौधों में विभिन्न देवताओं का भी वास माना गया है। उदाहरण के तौर पर- पीपल वृक्ष में त्रिदेव के साथ ही अन्य देवताओं का वास माना गया है तथा केले और आंवले के वृक्ष में भगवान श्री विष्णु का वास माना जाता है। अत: हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण करने और कुछ खास पौधे लगाने और उनकी पूजा करने से जीवन में जहां शुभ फल मिलते हैं, वहीं ईश्वर की कृपा भी प्राप्त होती है।
यदि हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण अगर श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त में किए जाएं तो वे शुभ फलदायी होते हैं।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस बार हरियाली अमावस्या गुरुवार, 28 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी। इसमें अमावस्या तिथि का प्रारंभ- बुधवार, 27 जुलाई को रात 09.11 से शुरू होगी तथा गुरुवार, 28 जुलाई 2022 को रात्रि 11.24 मिनट पर अमावस्या का समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या 28 जुलाई के दिन की मनाई जाएगी। अत: 28 जुलाई का दिन पौधारोपण के लिए अतिउत्तम रहेगा। इस दिन बृहस्पतिवार होने के कारण इस दिन का महत्व अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि यह श्रीहरि का दिन है और आंवला, पीपल आदि में श्रीविष्णु का वास माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार जिन नक्षत्रों में पौधारोपण करना शुभ होता है वे इस प्रकार हैं-
रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, उत्तराषाढा, उत्तरा भाद्रपदा, अनुराधा, पुष्य, चित्रा, उत्तरा फाल्गुनी, श्रवण, हस्त, विशाखा, मूल और अश्विनी।
अत: इस दिन इनका पौधारोपण या वृक्षारोपण करना अतिशुभ माना गया है।
- पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, गु़ड़हल और अश्वगंधा (संतान प्राप्ति)