कब मनाएं हरतालिका? जा‍नें कैसे करें शिवजी की उपासना (पढ़ें राशिनुसार)

* हरतालिका कब मनाएं? जानिए इस दिन किस मंत्र से करें शिव की आराधना, क्या चढ़ाएं नैवेद्य में
 
हरतालिका तीज का व्रत सोमवार, 2 सितंबर 2019 को ही करें, क्योंकि हस्त नक्षत्र 2 सितंबर को उदया तिथि में है, 1 सितंबर को उदया तिथि में हस्त नहीं है। शास्त्र अनुसार जब भी 2 तिथियां, व्रत अथवा त्योहार हों, तो वैष्णव संप्रदाय के गृहस्थ जीवन वालों को दूसरे दिन उदया तिथि को ही मनाना चाहिए, साथ 2 को तीज के साथ चतुर्थी है, जो कि व्रत के लिए श्रेष्ठ है।
 
मां पार्वती ने भगवान शिवजी को वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर वन में तप किया व बालू के शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें वर दिया। बाद में राजा हिमालय (पर्वत) ने भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह कराया। माता ने जब यह व्रत किया था, तब भाद्रपद की तीज तिथि थी व हस्त नक्षत्र था। उन्हें स्वयं शिवजी प्राप्त हुए। आप भी हरतालिका का व्रत करें व राशि अनुसार पूजन करें, अवश्य इच्छित वर की प्राप्ति होगी और विवाहित महिला को पति का पूर्ण सुख व शांति मिलेगी।
 
हरतालिका पर शिव आराधना 
 
मेष : 'ॐ शिवाय नम:' का जप करें व सेबफल चढ़ाएं।
 
वृषभ : 'ॐ हवि नम:' का जप करें व दूध की मिठाई चढ़ाएं।
 
मिथुन : 'ॐ अनघ नम:' का जप करें व शहद चढ़ाएं।
 
कर्क : 'ॐ तारक नम:' का जप करें व मिश्री चढ़ाएं।
 
सिंह : 'ॐ कपाली नम:' का जप करें व अनार चढ़ाएं।
 
कन्या : 'ॐ वामदेव नम:' का जप करें व घी चढ़ाएं।
 
तुला : 'ॐ श्रीकंठ नम:' का जप करें व दही चढ़ाएं।
 
वृश्चिक : 'ॐ अज नम:' का जप करें व मौसंबी चढ़ाएं।
 
धनु : 'ॐ शितिकंठ नम:' का जप करें व केला चढ़ाएं।
 
मकर : 'ॐ मृगपाणी नम:' का जप करें व नाशपाती चढ़ाएं।
 
कुम्भ : 'ॐ अव्यय नम:' का जप करें व नारियल चढ़ाएं।
 
मीन : 'ॐ महादेवाय नम:' का जप करें व चीकू चढ़ाएं।

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