यदि आप श्रावण मास में सावन सोमवार के व्रत रखने का सोच रहे हैं तो पहले इस उपवास को करने के नियम और सावधानियों को जरूर जान लें। ताकि आपको व्रत रखने का पूर्ण लाभ मिले या जिस उद्येश्य के चलते आप यह व्रत रख रहे हैं वह उद्येश्य पूर्ण हो या आपकी मनोकामना पूर्ण हो। इसलिए पहले व्रती को यह जानना चाहिए। ALSO READ: सावन सोमवार को शिवजी को किस समय, कैसे और किस दिशा में मुंह करके जलाभिषेक करें?
सावन सोमवार व्रत के नियम:
1. मनमाने तरीके से व्रत न करें। शास्त्र सम्मत व्रतों का पालन करें।
2. क्या खाएं और क्या नहीं यह जरूर जान लें।
3. व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
4. स्नान के बाद शिवजी के समक्ष जैसा भी व्रत करना चाहते हैं उस व्रत का संकल्प लें।
5. शिवलिंग की विधिवत पूजा करें। पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा करें।
6. पूजा प्रात: 5 से 12 बजे के बीच करें और शाम को 5 बजे बाद कभी भी करें।
7. अभिषेक में पंचामृत अभिषेक या रुद्राभिषेक करें।
8. पूजन के पश्चात फल, खीर या फलाहार भगवान को अर्पित कर प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
9. एकदम से पूर्णोपवास न करें। फलाहार लें, जूस लें या साबूदाना की खिचड़ी खाएं।
10. अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें। पारण यानी व्रत खोलना।
11. पारण के पहले शिवजी की पूजा आरती करके प्रसाद वितरण करें।
12. पूरे दिन "महामृत्युंजय मंत्र", "ॐ नमः शिवाय", या "शिव चालीसा" का पाठ करें।