* विक्रम संवत 2073 : नव वर्ष में कैसा होगा देश-दुनिया का हाल
* संवत 2073 : नववर्ष के राजा शुक्र, अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
7 अप्रैल को इस वर्ष का प्रवेश चैत्र, गुरुवार, रेवती नक्षत्र एवं वैधृति योगकालीन सायं 4 बजकर 54 मिनट पर सिंह लग्न में होगा। शास्त्रानुसार नव संवत का प्रारंभ व राजा का निर्णय चैत्र शुक्ल प्रतिप्रदा के वार के अनुसार किया जाता है। अत: सौम्य नामक नव विक्रम संवत 2073 तथा चैत्र नवरात्र का प्रारंभ 8 अप्रैल, शुक्रवार वैधृति योग में होगा।
इस नूतन वर्ष के राजा शुक्र तथा मंत्री बुध, शस्येश शनि, धान्येश गुरु, मेघेश मंगल, रसेश का पद सूर्य-चन्द्र को प्राप्त है। जैसे जहां सूर्योदय 6.31 के बाद है वहां रसेश सूर्य होगा- जालंधर, अमृतसर, जम्मू, पश्चिमी राजस्थान आदि क्षेत्रों में, जहां 6.31 से पूर्व सूर्योदय है, वहां रसेश चन्द्र होगा- चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली तथा संपूर्ण मध्य-पूर्वी भारत में यह पद चन्द्र के पास होगा। निरसेश शनि, फलेश मंगल, धनेश शुक्र, दुर्गेश मंगल होगा।
वर्ष के राजा शुक्र का फल : जब वर्ष का राजा शुक्र होता है, तब धान्य-गेहूं आदि अनाज एवं मौसमी फल-फूल आदि प्रचुर मात्रा में होते हैं। वर्षा उत्तम होने से नदी-नाले पूरे वेग से बहते हैं। मौसमी फल अधिक होंगे। गाय-भैंस आदि चौपायों में वृद्धि होगी। प्रशासक वर्ग सुखी होगा। जनमानस भी सुखी होगा। अश्लीलता में वृद्धि भी होगी।