Sun transit in Virgo 2025: कन्या संक्रांति हिंदू सौर कैलेंडर में छठे महीने की शुरुआत का प्रतीक है। 17 सितंबर 2025 बुधवार के दिन सूर्यदेव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करने लगेंगे। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को कन्या संक्रांति कहते हैं। इस दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय किए जाते हैं। तर्पण, पिंडदान और पंचबलि कर्म करने से भी लाभ मिलेगा। आओ जानते हैं कन्या संक्रांति का महत्व, पूजा विधि और दान का फल।
कन्या संक्रान्ति पुण्य काल- प्रात: 06:07 से दोपहर 12:15 तक।
कन्या संक्रान्ति महा पुण्य काल- सुबह 06:07 से सुबह 08:10 तक।
लाभ: सुबह 06:07 से 07:39 तक।
अमृत: सुबह 07:39 से 09:11 तक।
शुभ: सुबह 10:43 से दोपहर 12:15 तक।
लाभ: शाम 04:52 से 06:24 तक।