अत: स्पष्ट है कि 24 को पूर्ण रात्रि अष्टमी तथा 25 को पूर्ण रात्रि रोहिणी नक्षत्र रहेगा। अष्टमी 24 की रात को होने से स्मार्त जन्माष्टमी व्रत 24 को तथा वैष्णव 25 की रात्रि को जन्माष्टमी मनाएंगे। अष्टमी और रोहिणी दोनों ही 25 को अधिक होने से पूरे देश में अधिकतर जगह 25 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
श्रीकृष्ण जन्म दुर्लभ है। सालों में नहीं, युगों में ऐसे ज्योतिष योग आते हैं, जो कृष्ण जन्म के समय थे। लगभग 5043 वर्ष पहले ऐसे योग थे जिनमें कृष्ण का जन्म हुआ।