मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें।
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ समय या मुहूर्त जरूर देखते हैं। साथ ही सूर्य के चाल को भी जरूर ध्यान में रखते हैं। इस कारण से ही खरमास के महीने में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते। माना जाता है इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता।
मलमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है।