ज्ञात हो कि किसी अज्ञात कारणों की वजह से अगर जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा, धन की कमी हुई हो, तो यह व्रत करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिए नवमी के दिन महानंदा व्रत किया जाता है। इस वर्ष 14 फरवरी, गुरुवार को महानंदा नवमी व्रत किया जा रहा है।
नवरात्रि के अंतिम दिन महानंदा नवमी व्रत का पूजन तथा मंत्र का जाप करने से गरीबी दूर होती है तथा श्री की देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से घर का दारिद्रय (गरीब या निर्धन होने की अवस्था) समाप्त होकर जीवन में संपन्नता आती है। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन असहाय लोगों को दान करने से सुख-समृद्धि के साथ ही विष्णुलोक की प्राप्ति भी होती है।
आइए जानें इस दिन क्या करें?
* ब्रह्म मुहूर्त में घर का कूड़ा-कचरा इकट्ठा करके सुपड़ी (सूपे) में रखकर घर के बाहर करना चाहिए। इसे अलक्ष्मी का विसर्जन कहा जाता है। तत्पश्चात हाथ-पैर धोकर दरवाजे पर खड़े होकर श्री महालक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए।
* महालक्ष्मी मंत्र- 'ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:' का जप करना चाहिए।
* रात्रि में पूजा के पश्चात व्रत का पारण करना चाहिए।