Mangal shukra yuti: दो ग्रहों के एक ही राशि में विराजमान होने को युति कहते हैं। जब तीन ग्रह साथ में हो तो यह त्रिग्रही योग, चार ग्रह साथ में हो तो चतुर्ग्रही योग और पांच ग्रह साथ में हो तो पंचग्रही योग होता है। मंगल और शुक्र यदि एक ही राशि में एक साथ बैठे हों तो उसे मंगल शुक्र की युति कहते हैं। क्या होता है इस युति से?
राशि और भाव : मंगल शुक्र की युति का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि वे किस राशि और भाव में स्थित है। प्रत्येक राशि और भाव में इस युति का प्रभाव अलग अलग होता है। मंगल और शुक्र को आपसी में शत्रु ग्रह माना जाता है। मंगल को अग्नि और तेज का प्रतीक माना गया है। शरीर में रक्त पर मंगल का प्रभाव होता है। वहीं शुक्र सौंदर्य, प्रेम, वासना, काम, यौन इच्छा का प्रतिनिधि ग्रह होता है। यहां प्रस्तुत है सामान्य प्रभाव।