क्या रक्षाबंधन पर्व पर होगा असर चंद्रग्रहण का

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
रक्षाबंधन का पावन पर्व भद्रारहित अपरान्ह व्यापिनी पूर्णिमा में करने का शास्त्र विधान है। इस वर्ष 7 अगस्त 2017, सोमवार को पूर्णिमा के दिन प्रात: 11.05 तक भद्रा है।  इस दिन अपरान्ह काल लगभग 13.53 से 16.34 तक रहेगा, अतएव इस दिन रक्षाबंधन का पुनीत कार्य भद्रामुक्त अपरान्ह काल में 13.53 मिनट से 16.34 मिनट के मध्य करना चाहिए।

ALSO READ: इस समय बांधें राखी, नहीं होगा अशुभ
 
विशेष- भद्रा मकर राशि में होने से पाताल लोक पर रहेगी। इस दिन अर्द्धरात्रिकालीन खंड चन्द्रग्रहण हो रहा है, परंतु रक्षाबंधन पर्व के मनाने एवं अनुष्ठान में ग्रहण या संक्रांति का विचार नहीं किया जाता। 
 
इस संबंध में शास्त्र का स्पष्ट निर्देश है-
 
इदं ग्रहणसंक्रान्ति दिनेपि कर्तव्यम।
 
-धर्मसिन्धु
 
इदं रक्षाबन्धनं नियतकालत्वात भद्रावज्र्यग्रहणदिनेपि कार्य होलिकावत।
ग्रहणसंक्रान्त्यादौ रक्षानिषेधाभावात।
 
-निर्णय सिन्धु
 
अर्थात् रक्षाबंधन पर्व एक सुनिश्चित एवं नियत काल में मनाने की शास्त्राज्ञा है। उस दिन संक्रांति, ग्रहण निषेध का विचार नहीं होगा। 

ALSO READ: रक्षाबंधन पर ग्रहण : किस राशि के चमकेंगे सितारे, किस पर है संकट
 
शुभ मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होकर 3 बजकर 34 मिनट तक। इस समयावधि में चर, लाभ व अमृत का चौघड़िया मिलेगा।

 
अगला लेख