Tarot Cards:प्राचीन काल से ही व्यक्ति में अपना भविष्य जानने की इच्छा रही है। आज तो ज्यादा लोग जानना चाहते हैं कि उनका भविष्य कैसा रहेगा। भविष्य जानने की कई विद्याएं भारत और अन्य देशों में प्रचलित है। एक विद्या वह है जो रहस्यमयी शक्तियों के माध्यम से भविष्य जानते हैं। जैसे किसी बाबा या सिद्ध पुरुष द्वारा भविष्य जानना। दूसरी विद्या है अस्तित्व या ईश्वर के माध्यम से जानना। जैसे टैरो कार्ड, हस्तरेखा, रमल अंक ज्योतिष, राम शलाका, तोता ज्योतिष आदि। तीसरी विद्या है ग्रह नक्षत्रों की चाल के अनुसार भविष्य जानना। चौथी विद्या है सामुद्रिक शास्त्र। टैरो कार्ड इन्हीं में से दूसरी विद्या है।
टैरोकार्ड के माध्यम से प्रश्नकर्ता के प्रश्नों का समाधान कर उसे मार्गदर्शन दिया जाता है। टैरो डेक में कुल 78 कार्ड होते हैं, जिन्हें मेजर आर्काना तथा माइनर आर्काना में विभक्त किया गया है। आर्काना लैटिन भाषा के शब्द आर्कान्स से उत्पन्न हुआ, जिसका अर्थ है रहस्यमय व्यक्तिगत विकास। ऐसी मान्यता है कि यह मार्गदर्शन हमें सीधे दैवीय शक्तियों व हमारे ईष्ट के द्वारा दिया जाता है जो टैरो कार्ड के माध्यम से हमें प्राप्त होता है। टैरो कार्ड पंच तत्वों के आधार पर कार्य करता है। इसके ऊपर कुल सभी पंच तत्वों को दिखाया जाता है जो कि पृथ्वी, आकाश, अग्नि, हवा और पृथ्वी हैं। टैरोट कार्ड के कार्ड्स पर बने ये सभी तत्व व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाने मे सहायता करते हैं। टैरोट कार्ड रीडिंग में कुल 78 कार्ड होते हैं। ये सभी कार्ड दो वर्गों में बंटे होते हैं जिनमें से पहला वर्ग मेजर अरकाना कार्ड का होता है और इसमें दूसरा वर्ग माइनर अरकाना कार्ड का होता है। ये दोनों प्रकार के ही कार्ड टैरोट कार्ड रीडिंग में प्रमुख होते हैं। लैटिन भाषा में अरकाना शब्द का अर्थ होता है रहस्यमयी।
टैरो कार्ड का इतिहास क्या है?
ऐसा कहा जाता है कि करीब 2 हजार वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश के लोगों द्वारा सर्वप्रथम इस विद्या से भविष्य जानने का प्रयास किया था। हालांकि इसका प्रयोग सर्वप्रथम चौदहवीं शताब्दी में किए जाने का प्रमाण मिलता है। इसे इटली में सबसे पहले प्रयोग किया जाता रहा है। इटली में पहले इसे मनोरंजन के माध्यम के तौर पर अपनाया गया था, लेकिन धीरे धीरे लोग इसे गंभीरता से लेने लगे और यह भविष्य की एक विद्या के रूप में स्थापित हो गई। हालांकि इसके सच और झूठ होने के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसे प्रश्न और उत्तर दोनों ही ऐसी भाषा में होते हैं जिन्हें जानने वाला समझता है कि यह मेरे लिए ही है। मनोरंजन का यह खेल 1971 के बाद से यह पूरी दुनिया में ज्योतिष की रहस्यमयी विद्या के रूप में प्रचलित होकर स्थापित हो गया। हालांकि माना जाता है कि इसकी भविष्यवाणी 70 प्रतिशत सही साबित होती है। इटली के बाद टैरो कार्ड रीडिंग की यह विद्या इंग्लैंड व फ्रांस में भी बहुत लोकप्रिय हो गई। वर्तमान समय में टैरो कार्ड रीडिंग का प्रचलन भारत में काफी बढ़ चुका है।